Celebi Aviation: सुरक्षा मंजूरी रद करने के खिलाफ तुर्किये की कंपनी की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
दिल्ली हाई कोर्ट ने Bureau of Civil Aviation Security (BCAS) की ओर से तुर्किये की कंपनी Celebi एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद करने के खिलाफ दायर याचिका पर निर्णय सुरक्षित रख लिया है। केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में तुर्किये की कंपनी जेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एक अन्य फर्म की सुरक्षा मंजूरी रद कर दी थी।
सुरक्षा मंजूरी रद करने के फैसले के खिलाफ दोनों कंपनियों की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट याचिका दायर की गई थी, जिस पर शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
अदालत ने दोनों पक्षों को लिखित में जवाब दाखिल करने दिया आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने तुर्किये की कंपनी जेलेबी और केंद्र सरकार, दोनों का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
केंद्र सरकार की ओर से इन याचिकाओं हाई कोर्ट में विरोध किया गया है। अदालत ने दोनों पक्षों को लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
पढ़िये, इससे पहले की सुनवाई में दोनों पक्षों ने क्या तर्क दिए
बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जब देश सुरक्षा को लेेकर खतरे का सामना कर रहा है, तो सरकार के लिए सुरक्षा मंजूरी रद करने के कारणों या सुनवाई का अवसर देना असंभव है।
यह भी कहा था कि देरी करने से कार्रवाई का उद्देश्य ही विफल हो सकता है। न ही कार्रवाई के लिए कारण बताना संभव होता है।
वहीं, बुधवार को हुई सुनवाई में ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो ऑपरेटर जेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की ओर से कहा गया था कि उनकी कंपनी की तुलना तुर्किये सरकार से नहीं की जा सकती है।
भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बाद रद हुई थी सुरक्षा मंजूरी
कंपनी वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि सुरक्षा मंजूरी रद करके केंद्र सरकार ने एक ऐसी कंपनी पर शिकंजा कसा है, जो 17 साल से भारत में काम कर रही है और इसमें 10 हजार से अधिक लोग काम करते हैं।
उन्होंने तर्क दिया था कि सुरक्षा मंजूरी रद करने जैसा कठोर कदम उठाने से पहले सुनवाई करने का मौका देना चाहिए था, जो जरूरी है।
गौरतलब है कि जेलेबी कंपनी की सुरक्षा मंजूरी भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बाद तब लिया गया था, जब तुर्किये सरकार ने खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन किया था।
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