Delhi HC ने पूछा, बिना क्लासरूम कैसे चल सकता है स्कूल; ASI और MCD के अधिकारी कैसे कर रहे काम
दिल्ली हाई कोर्ट ने कक्षाओं के बिना स्कूल चलाने की अनुमति देने पर हैरानी जताई। कोर्ट ने पूछा कि बिना क्लासरूम के स्कूल कैसे चल सकता है जहाँ केवल शौचालय और पेयजल की सुविधा है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि एमसीडी द्वारा संचालित स्कूल में कक्षाओं को छोड़कर मरम्मत की अनुमति दी गई है। अदालत ने एएसआई के निर्णय पर भी सवाल उठाया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कक्षाओं को छोड़कर कुछ सुविधाओं की मरम्मत और नवीनीकरण की दिल्ली नगर निगम द्वारा अनुमति देने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने हैरानी जताई है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि क्लासरूम के बगैर केवल चारदीवारी, शौचालय और पेयजल की सुविधा के साथ स्कूल कैसे चल सकता है?
इस संबंध में एक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि अगर स्कूल को चलाना है, तो उसे उक्त सुविधाओं के अलावा कक्षाओं की भी आवश्यकता होगी।
अदालत ने उक्त टिप्पणी तब की जब याचिकाकर्ताओं की तरफ से सूचित किया गया कि खिड़की गांव स्थित एमसीडी द्वारा संचालित एक प्राथमिक विद्यालय में कक्षाओं को छोड़कर सुविधाओं के मरम्मत व नवीनीकरण की अनुमति दे दी गई है।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि स्कूल की दीवार सूफी संत यूसुफ कत्तल के मकबरे से मिलती है।
कक्षाओं को छोड़कर कुछ सुविधाओं की मरम्मत की अनुमति देने के एएसआई के निर्णय पर अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा कि समझ से परे है कि एएसआई और एमसीडी के अधिकारी कैसे काम कर रहे हैं।
अदालत ने कहा कि छह महीने में आदेश का अनुपालन करने संबंधी अदालत के आदेश का एक साल बाद भी अनुपालन नहीं हो पाया।
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