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Delhi News: रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के निर्णय को दिल्ली हाई कोर्ट ने पलटा, पीड़ित को मुआवजा देने का निर्देश

ऐसे में देरी से घटना की सूचना देने के तर्क में दम नहीं है और इसे अस्वीकार किया जाता है। अदालत ने माना कि महिला के पास एक वैध टिकट था। याचिका स्वीकार करते हुए पीठ ने मामले में दो नवंबर को मुआवजा निर्धारित करने का ट्रिब्यूनल को निर्देश दिया।

By Vineet TripathiEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Mon, 17 Oct 2022 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 17 Oct 2022 06:58 PM (IST)
Delhi News: रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के निर्णय को दिल्ली हाई कोर्ट ने पलटा, पीड़ित को मुआवजा देने का निर्देश
Delhi News: महिला की मौत ट्रेन से गिरने पर लगी चोट के कारण हुई थी।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। मथुरा के भूतेश्वर रेलवे स्टेशन पर अचानक झटका लगने कारण नीचे गिरने से हुई महिला की मौत के मामले में मुआवजा देने में इन्कार करने के रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के निर्णय को दिल्ली हाई कोर्ट ने पलट दिया है।महिला के बच्चों की तरफ से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने कहा कि ट्रिब्यूनल मामले में दाखिल पंचनामा व निरीक्षण रिपोर्ट पर गौर करने में विफल रहा है।जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि महिला की मौत ट्रेन से गिरने पर लगी चोट के कारण हुई थी।

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मामले में देरी से स्टेशन मास्टर को सूचित करने के तर्क को भी पीठ ने ठुकराते हुए कहा कि ट्रेन भूतेश्वर रेलवे स्टेशन पर रात 10 बजकर दो मिनट पर पहुंची थी।महिला के साथ मौजूद गवाह जितेंद्र ने बयान में कहा है कि वह अन्य लोगों के साथ स्टेशन पर ट्रेन से उतर गया था, जबकि महिला नहीं उतर सकी।

ऐसे में यह स्पष्ट है कि दुर्घटना उस समय हुई जब ट्रेन भूतेश्वर रेलवे स्टेशन से निकली थी और स्टार्टर सिग्नल पर पहुंची थी।निस्संदेह, ट्रेन स्टेशन पर कुछ समय के लिए रुकी होगी।घटना की सूचना मिलते ही लोग जमा हो गए और घटना की सूचना स्टेशन मास्टर को दी गई। ऐसे में देरी से घटना की सूचना देने के तर्क में दम नहीं है और इसे अस्वीकार किया जाता है। अदालत ने माना कि महिला के पास एक वैध टिकट था। याचिका स्वीकार करते हुए पीठ ने मामले में दो नवंबर को मुआवजा निर्धारित करने का ट्रिब्यूनल को निर्देश दिया।

यह है मामला

याचिकाकर्ता विक्रांत ने याचिका में कहा कि उसकी मां मीना मिश्रा की रेलवे दुर्घटना में मौत हो गई थी।उन्होंने मुआवजा के लिए रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में 18 जून 2016 को दावा किया था।उन्होंने कहा कि उनकी मां शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन से मथुरा रेवले जक्शन के लिए यात्रा कर रही थी।इस दौरान उनके पड़ोसी जितेंद्र भी थे। ट्रेन में भारी भीड़ होने के कारण वह ट्रेन के दरवाजे पर खड़ी थी।

जैसे ही भूतेश्वर रेलवे स्टेशन पहुंची तो अचानक झटका लगने व भीड़ से धक्का देने के कारण वह नीचे गिर गई थीं।याची के अधिवक्ता ने कहा कि ट्रिब्यूनल ने यह निष्कर्ष निकालने में गलती की कि दुर्घटना रेलवे अधिनियम- 1989 की धारा 123 (सी) के तहत कोई अप्रिय घटना नहीं थी।उन्होंने कहा कि पंचनामा के साथ-साथ मृतक के सह-यात्री जितेंद्र पर ट्रिब्यूनल ने भरोसा नहीं किया।

वहीं, रेलवे की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता जेके त्रिपाठी ने कहा कि यह दुर्घटना तब हुई जब मृतिका भूतेश्वर रेलवे स्टेशन पर उतरी और रेलवे लाइन पार कर रही है और आ रही ट्रेन ने टक्कर मार दी थी।उन्होंने यह भी तर्क दिया कि ट्रेन प्लेटफार्म पर दस बजकर दो मिनट पर पहुंची थी, जबकि स्टेशन मास्टर को घटना की सूचना 28 मिनट की देरी से 10 बजकर 30 मिनट पर दी गई।

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