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    ASD से पीड़ित बच्चों को स्टेम सेल थेरपी से गुजरने की दिल्ली HC ने दी अनुमति, लेकिन इलाज में हुआ खतरा तो...

    By Vineet TripathiEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Thu, 31 Aug 2023 08:21 PM (IST)

    आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर (एएसडी) से पीड़ित दो बच्चों को उनके इलाज के लिए स्टेम सेल थेरेपी से गुजरने की दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बृहस्प ...और पढ़ें

    अदालत ने स्पष्ट किया कि यह अंतरिम आदेश है और उपचार के खतरे के लिए याचिकाकर्ता खुद जिम्मेदार होंगे।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर (एएसडी) से पीड़ित दो बच्चों को उनके इलाज के लिए स्टेम सेल थेरेपी से गुजरने की दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने कहा कि एएसडी के लिए स्टेम सेल थेरेपी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला कोई कानून नहीं है और यहां तक कि एनएमसी को भी सिफारिश पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है।

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    अदालत ने कहा कि वर्तमान में चल रहे इलाज को रोकने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा और इसलिए याचिकाकर्ताओं को इलाज जारी रखने की अनुमति दी जाती है। मामले की सुनवाई तीन अक्टूबर तक के लिए स्थगित करते हुए अदालत ने एनएमसी को सिफारिश पर अंतिम निर्णय लेने के लिए भी कहा।

    अदालत नहीं चाहती की इलाज रुके

    अदालत ने स्पष्ट किया कि यह अंतरिम आदेश है और उपचार के खतरे के लिए याचिकाकर्ता खुद जिम्मेदार होंगे। हालांकि, अदालत नहीं चाहती कि इलाज अभी रुके।

    राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (ईएमआरबी) की सिफारिश के कारण याचिकाकर्ताओं के डाक्टरों द्वारा उनका इलाज बंद कर दिया था और इस पर उनके स्वजन ने याचिका दायर की थी।

    एम्स के डॉक्टरों ने क्या कहा ?

    अदालत की सहायता के लिए कार्यवाही के दौरान मौजूद एम्स के दो विशेषज्ञ डाक्टरों ने पीठ को बताया कि स्टेम सेल थेरेपी को केवल रक्त कैंसर के इलाज के एक तरीके के रूप में अनुमति दी गई है और एएसडी के इलाज के लिए इसका उपयोग वर्तमान में प्रायोगिक चरण में है। उन्होंने बताया कि उपचार के रूप में निर्धारित करने से पहले एएसडी के लिए थेरेपी के उपयोग के बारे में अधिक शोध की आवश्यकता है। डाक्टरों ने कहा कि अभी तक थेरेपी प्रोटोकाल भी स्पष्ट नहीं है।