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    माता-पिता की बीमारी पर तैनाती में छूट नहीं: दिल्ली HC का CAPF अधिकारियों के अधिकार पर बड़ा फैसला

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 05:15 PM (IST)

    दिल्ली HC ने कहा कि सीएपीएफ की मौजूदा नीति में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे अधिकारी अपने माता-पिता के अस्वस्थ होने पर तैनाती का स्थान चुन सकें। अदालत ने सीएपीएफ को अधिकारियों की कठिनाइयों के प्रति सजग रहने को कहा। अदालत ने यह भी कहा कि यदि अधिकारी के पति या बच्चे अस्वस्थ हैं तो तैनाती का स्थान चुनने का आधार बन सकता है माता-पिता के मामले में नहीं।

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    स्वजन के अस्वस्थ्य होने के आधार पर सीएपीएफ अधिकारी को तैनाती का स्थान चुनने का नहीं प्रविधान : हाई कोर्ट

    विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। स्वजन के खराब स्वास्थ्य के आधार पर तैनाती के स्थान को चुनने के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अधिकारियों के अधिकार पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम निर्णय पारित किया है। न्यायमूर्ति सी हरिशंकर व न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला की पीठ ने कहा कि सीएपीएफ की वर्तमान नीति में ऐसा कोई प्रविधान नहीं है, जिसके आधार पर कोई अधिकारी अपने माता-पिता के अस्वस्थ होने के आधार पर अपनी तैनाती का स्थान चुन सके। पीठ ने कहा कि सीएपीएफ को अधिकारियों के सामने आने वाली कठिनाइयों के प्रति सजग रहने को कहा है।

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    पीठ ने कहा कि सीएपीएफ नीति के तहत यदि किसी अधिकारी का जीवनसाथी या बच्चा अस्वस्थ है, तो वह अधिकारी के लिए तैनाती का स्थान चुनने का आधार बन सकता है। हालांकि, अधिकारी के माता-पिता के मामले में ऐसी कोई छूट नहीं दी गई है। पीठ ने कहा कि संभवत:, यह एक कठोर प्रविधान हो सकता है, लेकिन अगर अधिकारियों को अपने माता-पिता की स्थिति के आधार पर तैनाती का स्थान चुनने की अनुमति दी जाए, तो अधिकारियों को उचित रूप से तैनात करना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

    हालांकि, पीठ ने निर्देश दिया कि वे अधिकारी के उस अनुरोध पर विचार करें कि उसे ऐसे स्थान पर तैनात किया जाए जहां उसके पिता के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं हों। पीठ ने कहा कि यदि उक्त अनुरोध को स्वीकार करना संभव नहीं है, तो इस आशय का एक उपयुक्त पत्र एक सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को भेजा जाएगा, जिसमें विशेष रूप से यह कारण बताया जाएगा कि ऐसा करना क्यों संभव नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता स्थानांतरण के आदेश का पालन करना होगा।

    अदालत ने उक्त टिप्पणी एक अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर विचार करते हुए की। संबंधित अधिकारी ने याचिका में कहा था कि उसके 90 वर्षीय पिता की देखभाल करने वाला वह इकलौता व्यक्ति है। ऐसे में उसकी तैनाती के स्थान में परिवर्तन किया जाए। संबंधित अधिकारी ने तर्क था कि जिस स्थान पर वह तैनात था और वहां उसके पिता की देखभाल के लिए पर्याप्त अस्पताल सुविधाएं नहीं हैं।

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