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    दिल्ली फिर बेरोजगार होंगे अतिथि शिक्षक, संशोधित नीतियों से बढ़ी मुश्किलें; बयां किया अपना दर्द

    Updated: Sat, 10 May 2025 09:14 PM (IST)

    दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षक हर साल की तरह इस बार भी गर्मी की छुट्टियों में बेरोजगार रहेंगे। शिक्षा विभाग ने मई और जून में उनकी सेवाएं अस्थायी रूप से समाप्त करने का फैसला किया है। निदेशालय ने 11 मई से 30 जून तक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि महंगाई के कारण उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं।

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    इस बार भी दो माह तक बेरोजगार रहेंगे अतिथि शिक्षक।

    रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले अतिथी शिक्षक दो माह तक बेरोजगार रहेंगे। शिक्षा विभाग ने गर्मी की छुट्टियों के दौरान मई और जून के माह में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं अस्थायी रूप से समाप्त करने का निर्णय लिया है।

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    निदेशालय ने 11 मई से लेकर 30 जून तक इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की हैं। हालांकि, छुट्टियों के दौरान प्रवेश और परीक्षा जैसे आवश्यक स्कूल-संबंधी कार्यों के लिए प्रधानाचार्य अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए अधिकृत है।

    अतिथि शिक्षकों को हर वर्ष अस्थायी तौर पर किए जाते हैं बाहर

    निदेशालय के इस निर्णय से अतिथि शिक्षकों की समस्याएं बढ़ गई हैं। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वे हर वर्ष इसी तरह अस्थायी तौर पर बाहर कर दिए जाते हैं, लेकिन इस बार बढ़ती महंगाई और आर्थिक तंगी के कारण उनकी परेशानियां कई गुना बढ़ गई हैं। अतिथि शिक्षकों के मुताबिक सरकार उन्हें केवल शैक्षणिक सत्र में इस्तेमाल करती है और जैसे ही छुट्टियां आती हैं, उन्हें वेतन सहित सेवाओं से भी बाहर कर दिया जाता है।

    अतिथि शिक्षकों ने बयां किया अपना दर्द

    शिक्षक संघों का कहना है कि नियमित शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए अतिथि शिक्षकों की भूमिका बेहद अहम है, लेकिन फिर भी विभाग द्वारा उनके साथ संवेदनशील व्यवहार नहीं किया जाता। बीते सात वर्षों से एक सरकारी स्कूल में कार्यरत अतिथि शिक्षक ने कहा कि हम रोजाना की मेहनत से बच्चों को पढ़ाते हैं, परिणाम सुधारते हैं, बोर्ड परीक्षाओं में सहयोग करते हैं, लेकिन छुट्टियों में हमें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। हमारे पास कोई नियमित वेतन नहीं होता, कोई भत्ता नहीं मिलता और ना ही कोई स्थायीत्व है।

    प्रत्येक वर्ष 11 मई को अतिथि शिक्षकों को स्कूलों से बाहर कर दिया जाता है जिससे उन्हें दो माह वेतन नहीं मिल पाता है। ऐसे स्थिति में दिन के हिसाब से वेतन पाने वाले अतिथि शिक्षकों का जीवन-यापन मुश्किल हो जाता है। ये दो माह वेतन ना मिलने का असर पूरे वर्ष पर भारी पड़ता है। उन्होंने नवनिर्वाचित भाजपा सरकार से अनुरोध किया कि अतिथि शिक्षकों को 12 माह का वेतन देने का प्रविधान किया जाए जिससे वो अपना जीवन यापन ठीक प्रकार से कर सकें। - शोएब राणा, महासचिव, आल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन

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