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    GST ऑफिस के ड्राइवर हत्याकांड का काले धन से क्या कनेक्शन? वारदात के लिए रची गई गहरी साजिश

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 09:19 AM (IST)

    दिल्ली के बुराड़ी में जीएसटी ड्राइवर अजित कुमार त्रिपाठी की हत्या मामले में क्राइम ब्रांच ने शूटर को गिरफ्तार किया है लेकिन पिता ने गहरी साजिश की आशंका जताई है। उन्होंने काले धन को सफेद करने के धंधे से जुड़े तीन लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। आगे विस्तार से पढ़िए।

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    जीएसटी कार्यालय में तैनात चालक की हत्या के मामले में जांच चल रही है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में उत्तरी जिला के बुराड़ी थानाक्षेत्र में पिछले माह जीएसटी कार्यालय में तैनात चालक अजित कुमार त्रिपाठी की हत्या के मामले में क्राइम ब्रांच ने एक शूटर को गिरफ्तार कर भले ही हत्या की गुत्थी सुलझा ली है लेकिन, उसके पिता ने इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जाहिर की है।

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    डीसीपी को दी गई शिकायत में चालक के पिता ने आशंका जाहिर की है कि काले धन को सफेद करने के धंधे से जुड़े तीन लोगों ने उनके बेटे की हत्या कराई है।

    मूलरूप से आजमगढ़ के रहने वाले गुलाब नाथ त्रिपाठी भी पेशे से चालक है। वह बुराड़ी के कौशिक एन्कलेव में परिवार के साथ रहने हैं। शिकायत में उन्होंने कहा है कि कुछ साल पहले उनके बेटे की मोहल्ले में रहने वाले दो युवकों से दोस्ती हो गई थी।

    बताया गया कि दोनों भाइयों का बुराड़ी व आस पास के इलाके में गरीब युवाओं को नौकरी दिलाने के बहाने उनके पैन कार्ड व आधार कार्ड लेकर उनके नाम से बैंक खाता खुलवाकर उक्त खातों को गलत धंधे में इस्तेमाल करने का काम है। नौकरी लगवाने पर उनके खाते में तनख्वाह आने का झांसा देकर ये लोग खाता खुलवाते थे। दोनों भाई, खारी बावली के एक एजेंट से जुड़े हुए हैं।

    पुलिस के अनुसार, तीनों व्यक्ति ने फर्जी बैंक खातों के जरिये कई फर्जी फर्म खोल रखा है, जिसके जरिए वे लोग खारी बावली व चांदनी चौक के व्यापारियों के काले धन को सफेद करने का धंधा करते हैं। एक प्रतिशत कमीशन लेकर वे लोग इस तरह का धंधा करते हैं।

    शिकायत में इन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि तीनों का कुछ गुटखा कंपनियों के मालिकों से भी सांठगांठ है। कुछ साल पहले अजित के नाम से खोले गए फर्जी फर्म में उसके नाम से खोले गए बैंक खाते में सरकारी गबन के 1.26 करोड़ रुपये आने पर सीबीआइ ने उसे नोटिस भेज दिया था। 206 करोड़ के शौचालय घोटाले से संबंधित एक मामले में 1.26 करोड़ अजित के खाते में भेज दिया गया था।

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    वहीं, सीबीआई द्वारा नोटिस भेजने पर अजित पकड़े जाने के डर से परेशान होकर तीनों का साथ छोड़ दिया था। इसके बाद उसने जीएसटी कार्यालय में चालक की नौकरी पकड़ लिया था और अधिकारियों की गाड़ियां चलाने लगा था। तभी से तीनों को शक होने लगा था कि कहीं वह उनके धंधे का राजफाश न कर दें और उनके घरों व कार्यालयों पर छापा न मरवा दें।

    गुलाबनाथ त्रिपाठी ने आशंका जाहिर की है कि उक्त तीनाें ने ही सुपारी देकर उनके बेटे की बीते 10 जुलाई को हत्या करवा दी है।