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    घरों में ग्राउंड वाटर के उपयोग पर दिल्ली में है रोक, फिर भी 70 प्रतिशत से अधिक खपत यहीं हो रही

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 07:57 PM (IST)

    दिल्ली में घरेलू इस्तेमाल के लिए भूजल का अंधाधुंध दोहन हो रहा है। केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार हर साल 25 हजार 959 हेक्टेयर मीटर पानी घरों में इस्तेमाल हो रहा है जो कुल भूजल का 70% से ज्यादा है। घरेलू उपयोग के लिए भूजल पर प्रतिबंध के बावजूद इसका इतना अधिक दोहन चिंताजनक है। करोल बाग मयूर विहार जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा दोहन हो रहा है।

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    घरेलू इस्तेमाल में खाली हो रहा दिल्ली में भूजल का 'खजाना'।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली: प्रतिबंध के बावजूद राजधानी में भूजल का खजाना घरेलू इस्तेमाल में खाली हो रहा है।

    केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 25 हजार 900 हेक्टेयर मीटर से ज्यादा पानी सिर्फ घरों में इस्तेमाल के लिए निकाला जा रहा है।

    यह हर साल निकाले जाने वाले कुल भूजल का 70 प्रतिशत से भी ज्यादा है। रिपोर्ट में ऐसे इलाकों की भी पहचान की गई है, जहां पर भूजल का बहुत ही ज्यादा दोहन किया जा रहा है।

    महत्वपूर्ण यह है कि हर साल जितना भूजल निकाला जाता है, यदि उतने ही भूजल का संभरण नहीं होता है तो फिर यह भंडार खाली हो जाता है। दिल्ली में कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है।

    NGT में दाखिल रिपोर्ट में सामने आई दिल्ली की तस्वीर

    नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दाखिल एक हलफनामे में प्राधिकरण ने दिल्ली में भूजल के दोहन की चिंताजनक तस्वीर सामने रखी है।

    हलफनामे में शामिल रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में हर साल 34 हजार 453 हेक्टेयर मीटर भूजल का दोहन किया जाता है। दिल्ली में घरेलू इस्तेमाल के लिए भूजल के इस्तेमाल की मनाही है।

    अवैध बोरवेल की पहचान व सील करने का अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन प्राधिकरण की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में हर साल 25 हजार 959 हेक्टेयर मीटर पानी सिर्फ घरेलू इस्तेमाल के लिए निकाला जा रहा है।

    इसके बाद कृषि क्षेत्र का नंबर है। कृषि क्षेत्र के लिए आठ हजार 427 हेक्टेयर मीटर भूजल निकाला जाता है। जबकि, औद्योगिक इस्तेमाल के लिए 67.11 हेक्टेयर पानी निकाला जाता है।

    34 में से 14 यूनिट में अधिक भूजल निकाल जा रहा

    रिपोर्ट में भूजल का सबसे ज्यादा दोहन करने वाले हिस्सों की भी पहचान की गई है। इसमें दिल्ली के भूजल को कुल 34 यूनिटों में विभाजित किया गया है। इसमें 14 यूनिटें ऐसी हैं जहां भूमिगत जल का सबसे ज्यादा दोहन किया जा रहा है।

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    इन 14 यूनिटों में करोल बाग, मयूर विहार, चाणक्यपुरी, दिल्ली छावनी, वसंत विहार, नरेला, यमुना विहार, करावल नगर, शाहदरा, विवेक विहार, महरौली, साकेत, कापसहेड़ा व राजौरी गार्डन का नाम शामिल है।

    जबकि, कोतवाली, गांधी नगर, प्रीत विहार, अलीपुर, माडल टाउन, सीमापुरी, हौजखास, डिफेंस कालोनी, कालकाजी, सरिता विहार, द्वारका, पंजाबी बाग, पटेल नगर जैसी 13 यूनिटों में भी जमकर भूजल निकाला जा रहा है।

    इनकी तुलना में सीलमपुर, सरस्वती विहार, सिविल लाइंस, कांझावला, रोहिणी, नजफगढ़ और नजूल लैंड में भूजल का दोहन कम किया जा रहा है।

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