दिल्ली सरकार की ई-RTI से घर बैठे लें जानकारी, मुख्यमंत्री भी आएंगे दायरे में
ई-RTI की सुविधा के तहत दिल्ली सरकार से संबंधित विभागों की जानकारी हासिल करने के लिए अब सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली सरकार से संबंधित विभागों के कामकाज की जानकारी हासिल करने के लिए एक आम आदमी दफ्तर जाकर सूचना के अधिकार के तहत आरटीआई दाखिल करता था। इसके लिए आवेदन लिखना, पैसे या पोस्टल ऑर्डर जमा कराना होता था।
अब सरकार ने आरटीआई संबंधित हर कामकाज को ऑनलाइन कर दिया है। इससे घर बैठे आरटीआई लगाना संभव हो सकेगा। इसके साथ ही ई-आरटीआई की सुविधा देने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ऑनलाइन आरटीआई सेवा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली के लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन है।
जवाब भी ऑनलाइन किए जाएंगे
दिल्लीवासी करीब 172 विभागों से जु़ड़ी जानकारी ई-आरटीआई के जरिए ले सकेंगे। यही नहीं, केजरीवाल ने निर्देश दिए हैं कि जितनी भी आरटीआई आएं, उनके जवाब भी ऑनलाइन किए जाएं, इससे कई आरटीआई कम हो जाएंगी। इसके तहत मंत्री ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री भी दायरे में आएगा।
इस मौके पर आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश और दिल्ली के लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन है। केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि आज समाजसेवी अन्ना हजारे और अरुणा रॉय की याद आ रही है। दोनों ने आरटीआई के क्षेत्र में काफी काम किया।
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि आरटीआइ के दयारे में मंत्री ही नहीं मुख्यमंत्री भी आएंगे। केजरीवाल ने आरटीआइ कानून लाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी, जिसके चलते केंद्र सरकार ने 2005 में आरटीआइ के लिए एक मजबूत कानून बनाकर इसे लागू किया।
इस सुविधा के तहत दिल्ली सरकार से संबंधित विभागों की जानकारी हासिल करने के लिए अब सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। दिल्लीवाले अब घर बैठे ही आरटीआइ का जवाब हासिल कर सकेंगे।
दिल्ली के प्रशासनिक सुधार मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक, इस पोर्टल से सभी विभागों को लिंक किया गया है। अब आवेदकों को आरटीआइ के तहत जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी सरकारी दफ्तर में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। घर बैठे आवेदन के साथ ही डॉक्यूमेंट भी ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं। यही नहीं आरटीआइ की फीस भी आवेदक ऑनलाइन ही जमा करा सकेंगे।
जानें और क्या कहा केजरीवाल ने
- सूचना में काफी दिक्कत है, पहले जनता को रिकॉर्ड नहीं दिखाया जाता था।
- अरुणा जी ने राजस्थान में आंदोलन शुरू किया।
- देश का नागरिक टैक्स देता है, गरीब आदमी भी पेंसिल और माचिस पर टैक्स देता है।
- पैदा और मरने पर भी टैक्स देता है।
- जनता टैक्स देती है, तो उसे जानने का अधिकार है कि उसका पैसा कैसे खर्च हो रहा है।
- जनतंत्र में मालूम होना चाहिए कि राजा कैसा काम कर रहा है।
- 2005 में RTI कानून बना, मैं, अरुणा जी और निखिल भी इसमें थे।
- अब किसी को भी दफ्तर आने की जरूरत नहीं है, घर बैठे ऑनलाइन RTI फ़ाइल करो।
- हर विभाग में नोडल अफसर है, जो इसमें मदद करेंगे।
- जितनी भी RTI आएं, उनके जवाब भी नेट पर डाले जाएं, इससे कई RTI कम हो जाएंगी।
- लोगों की जानकारी लगभग कॉमन होती है।
- असली बात यह है कि सरकार खुद ही सारी जानकारी जनता के बीच बताए।
- कई बार ट्रांसपेरेंसी से सरकार को खुद कुछ बताने की जरूरत नहीं है।
- 2005 से 2008 तक राशन में काफी काम किया।
- अगर राशन वालों का डेली रजिस्टर ऑनलाइन कर दिया जाए, तो राशन वालों को लगेगा कि वो पकड़ा जाएगा।
- सभी विभाग अपने मेजरमेंट बुक और बिल वेब पर डाल दे, तो सबको डर रहेगा कि कहीं पकड़े न जाएं।
- NIC ने इसे बनाया है, बाकी सरकार भी इसे लागू कर सकती हैं, रेडीमेड पोर्टल है।
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