गेट न खुलने पर दो साल पहले आई थी बाढ़, अब ITO बैराज का नियंत्रण हरियाणा से लेगी दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार ITO बैराज का नियंत्रण अपने हाथ में चाहती है जिसका रखरखाव वर्तमान में हरियाणा सरकार के पास है। 2023 में बैराज के गेट नहीं खुलने के कारण दिल्ली में बाढ़ आ गई थी। सरकार का तर्क है कि बेहतर बाढ़ प्रबंधन के लिए बैराज का नियंत्रण दिल्ली के पास होना चाहिए। सिंचाई मंत्री ने हरियाणा सरकार से इस बारे में बात करने की स्वीकृति दे दी है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्लीः यमुना पर आईटीओ बैराज के रखरखाव को लेकर दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच विवाद होता रहा है।
दिल्ली स्थित इस बैराज का रखरखाव हरियाणा सरकार के पास है। वर्ष 2023 में इस बैराज के गेट नहीं खुलने के कारण दिल्ली बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
तत्कालीन आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि बैराज का सही तरह से रखरखाव नहीं होने के कारण इसके गेट नहीं खुले।
दिल्ली सरकार इसे अपने अधीन करने की मांग करती रही है। अब एक बार फिर से दिल्ली सरकार ने हरियाणा के सामने यह प्रस्ताव रखने का निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ प्रबंधन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए आईटीओ बैराज का नियंत्रण आवश्यक है। इस बैराज में कुल 32 गेट हैं।
13 जुलाई, 2023 में जब दिल्ली में बाढ़ आने का मुख्य कारण इस बैराज के पांच गेट नहीं खुलना था। बैराज में 32 गेट हैं जिसमें से 27 ही खुले थे।
गेट नहीं खुलने से यमुना का पानी रिंग रोड व आईटीओ के आसपास पहुंच गया था। सेना की मदद के बाद लगभग एक माह बाद सभी गेट खुले थे।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बैराज के सभी गेट की मरम्मत कर दी गई है ताकि 2023 जैसी स्थिति की पुनरावृत्ति न हो, और हम लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं।
इसके बावजूद हरियाणा सरकार से इसे दिल्ली सरकार को सौंपने का औपचारिक अनुरोध करने की तैयारी है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने इसकी स्वीकृति दे दी है।
वह स्वयं इस विषय को हरियाणा सरकार के समक्ष उठाएंगे। पहले भी दिल्ली सरकार ने इस महत्वपूर्ण बैराज को अपने नियंत्रण में लेने के लिए पड़ोसी राज्य को पत्र लिखे हैं।
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