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    खतरे के करीब पहुंचा यमुना का जलस्तर, दहशत में हजारों परिवार; दिल्ली सरकार की कैसी तैयारी?

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 07:32 PM (IST)

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंच गया है। हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा और हथनी कुंड से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग स्थिति पर नजर रख रहा है और यमुना के नजदीक रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी है। बाढ़ नियंत्रण केंद्र और वायरलेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

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    यमुना का पानी चेतावनी स्तर के करीब पहुंचा। जागरण

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से भारी वर्षा हो रही है, जिससे हथनी कुंड से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। मंगलवार से दिल्ली में भी वर्ष हो रही है। इन कारणों से दिल्ली में यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर 204.5 मीटर के करीब पहुंच गया है।

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    सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग स्थिति पर नजर रख रहे हैं। आवश्यकता अनुसार यमुना के नजदीक रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा।

    मंगलवार रात तक पुराना लोहा पुल के पास जलस्तर 203 मीटर से नीचे था। मध्य रात्रि से इसमें वृद्धि होने लगी। बुधवार सुबह आठ बजे तक यह 204 मीटर के ऊपर पहुंच गया। दोपहर दो बजे 204.13 मीटर जल स्तर रहा।

    इसके और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि हरियाणा स्थित हथनी कुंड से 20000 क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा रहा है। मंगलवार को 54 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था।

    बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए शास्त्री नगर में 24 घंटे काम करने वाला केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण केंद्र के साथ ही 15 वायरलेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इससे यमुना का जलस्तर और जलजमाव वाले क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है।

    लोहापुल पर जलस्तर 204.5 मीटर पहुंचने या हथनी कुंड से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर चेतावनी जारी की जाती है। उसके बाद यमुना के निचले हिस्से से लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जाता है। 205.33 मीटर का स्तर खतरे का निशान है। जुलाई, 2023 में यमुना का जलस्तर 208.6 मीटर तक पहुंच गई थी।

    दिल्ली सरकार द्वारा की गई तैयारी

    • राहत और बचाव कार्यों के लिए 14 स्थानों पर नाव के साथ राहत टीम की तैनाती।
    • सभी विभागों को मानसून के दौरान अपनी टीम को अलर्ट पर रखने का निर्देश।
    • जलभराव के सभी चिन्हित स्थानों पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
    • खादर इलाकें में बाढ़ की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की व्यवस्था।