दिल्ली सरकार की घोषणा: 1,800 विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को मिलेगा मासिक भत्ता
दिल्ली सरकार ने कश्मीरी हिंदू विस्थापितों के लिए मासिक भत्ते की आय सीमा हटा दी है जिससे 1800 विस्थापितों को राहत मिलेगी। रुके हुए भत्ते का भुगतान होगा और नए पंजीकरण भी होंगे जिससे 500 से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे। कश्मीरी समाज ने इस फैसले का स्वागत किया है और भत्ते की राशि बढ़ाने की मांग की है इसे विस्थापितों के लिए उत्सव जैसा बताया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में रहते हजारों कश्मीरी हिंदू विस्थापितों को मिलने वाले मासिक भत्ता मामले में बड़ी रेखा गुप्ता सरकार ने बड़ी राहत दी है। पूर्ववर्ती आप सरकार द्वारा लाभार्थियों के लिए तय किए गए आय की सीमा की अनिवार्यता के अवरोध को हटा दिया है। इससे अब विस्थापितों को केंद्र व दिल्ली सरकार का संयुक्त भत्ता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि 18 माह से रूके हुए भत्ते का भी पूरा भुगतान होगा। साथ ही अब इस मद में नए पंजीयन भी कराए जा सकेंगे।
500 से अधिक परिवारों को मिलेगा लाभ
उनके हित में लिए गए इस बड़े निर्णय की कश्मीरी विस्थापित हिंदुओं ने सराहना की है। इसी वर्ष जुलाई में उनका प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के साथ ही मंत्री आशीष सूद से मिला था तथा व्यवस्था बदहाली का जिक्र करते हुए राहत की मांग की थी। तभी मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि इस दिशा में ठोस निर्णय लिए जाएंगे।
आतंकवाद के कारण कश्मीर से विस्थापित होकर दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले 1,800 विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को अब सरकार के इस निर्णय से जहां बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, नए पंजीयन से 500 से अधिक नए विस्थापित हिंदू परिवार भी इस योजना के दायरे में आएंगे।
18 माह से भत्ता नहीं मिल रहा
इसके तहत उन्हें प्रत्येक माह 13 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है।जिसमें 12 हजार केंद्रीय गृहमंत्रालय तथा शेष योगदान दिल्ली सरकार का होता है। पिछली सरकार ने इस भत्ते की पात्रता के लिए लाभार्थियों के मासिक आय की सीमा 26,800 रुपये तय कर दी थी। इससे उसके ऊपर की आय वाले परिवारों को बीते 18 माह से यह भत्ता नहीं मिल रहा था।
गुजारा भत्ता बढ़ाने की मांग
सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (एआईकेएस) ने दिल्ली-एनसीआर में विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की समस्याओं को सुनने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और कैबिनेट मंत्री आशीष सूद का आभार व्यक्त किया। एआइकेएस के अध्यक्ष रविंद्र पंडित ने कहा कि यह बड़ा निर्णय है, जिससे विस्थापित परिवार काफी राहत में है। साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि चार लोगों के परिवार के लिए 13 हजार रुपये प्रति माह की राशि गुजारा के लिए नाकाफी है, इसे बढ़ाकर कम से कम 30 हजार रुपये महीना करना चाहिए।
किसी उत्सव से कम नहीं
इसी तरह कश्मीरी समिति दिल्ली के अध्यक्ष सुमीर चुंगू ने कहा कि यह दिल्ली में रहते कश्मीरी विस्थापितों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। इससे जम्मू तथा दिल्ली-एनसीआर में रहते विस्थापितों के बीच समानता आई है क्योंकि वहां मासिक भत्ता मिलता था, लेकिन यहां नहीं।
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