CM रेखा गुप्ता के निरीक्षण के बाद हरकत में अधिकारी, प्रिंसिपलों को कड़ी चेतावनी; अब करने होंगे ये काम
दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में साफ-सफाई स्वच्छता और पानी की आपूर्ति को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के औचक निरीक्षण के बाद शिक्षा अधिकारी हरकत में आए हैं। सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को व्यक्तिगत तौर पर स्कूलों की साफ-सफाई स्वच्छता और पानी की उचित आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी के सरकारी स्कूल में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के दौरे के बाद शिक्षा अधिकारी अब अधिक सचेत हो गए हैं। सीएम ने हाल ही में एक स्कूल का औचक निरीक्षण कर वहां साफ- सफाई और पीने के पानी की आपूर्ति न होने को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी।
इसके बाद शिक्षा निदेशालय ने आनन-फानन में सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को व्यक्तिगत तौर पर स्कूलों की साफ-सफाई, स्वच्छता और पानी की उचित आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
कुशल अपशिष्ट निपटान प्रणाली हो: शिक्षा निदेशालय
निदेशालय के अधिकारी ने कहा कि प्रधानाचार्य स्कूलों में स्वच्छ वातावरण बनाए रखे और स्कूल परिसर की समग्र सफाई, स्वच्छ पेयजल तक निर्बाध पहुंच और शौचालयों में पानी की उचित आपूर्ति सुनिश्चित करें। निदेशालय ने कहा कि स्कूल परिसर में पर्याप्त मात्रा में कूड़ेदानों की व्यवस्था सहित एक कुशल अपशिष्ट निपटान प्रणाली भी होनी चाहिए ताकि स्कूलों में नियमित रूप से कचरे का निपटान किया जा सके।
कक्षा में उचित प्रकाश और वेंटिलेशन हो: शिक्षा निदेशालय
इसके साथ ही स्कूल की दीवारों से मकड़ी के जाल हटाए जाए, सभी दीवारें और छतें ठीक से रंगी जाए और उनसे धूल साफ की जाए। वहीं, विद्यार्थियों के लिए कमरों में उचित प्रकाश और वेंटिलेशन सुनिश्चित किया जाए साथ ही कक्षाओं से खराब पंखें, लाइट, फर्नीटर, ब्लैकबोर्ड हटा कर उन्हें सही किया जाए।
जल बचत उपाय को अपनाएं: शिक्षा निदेशालय
वहीं, स्कूल की पानी की टंकियों, पाइपलाइनों, नलों की उचित जांच की जाए। अगर पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है कि तत्काल मरम्मत के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। वहीं, पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जल बचत उपाय अपनाएं जाएं। निदेशालय ने कहा कि स्कूलों में निरीक्षण के दौरान किसी भी तरह की चूक पाए जाने पर सीधे तौर पर प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे और उन पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
निदेशालय ने कहा कि सभी जिला और जोनल उप शिक्षा निदेशक अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्कूलों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करें और ऐसी सभी गतिविधियों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।
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