दिल्लीवासियों को नहीं होगी बिजली की किल्लत, सरकार का खास प्लान तैयार
बिजली वितरण कंपनियों का कहना है कि गर्मियों में मांग के अनुसार बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। दीर्घकालीन समझौते से पावर बैंकिंग व्यवस्था के तहत पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी। पावर बैंकिंग व्यवस्था के तहत सर्दियों में जब बिजली की मांग कम होती है तो दिल्ली अपने हिस्से की बिजली उन राज्यों को दे देती है जहां उस मौसम में मांग अधिक होती है।
राज्य ब्यूरो जागरण, नई दिल्ली। शनिवार को कार्यभार संभालने के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने ऊर्जा समेत अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे समर एक्शन प्लान तैयार करें, ताकि गर्मियों में मांग बढ़ने पर निर्बाध बिजली आपूर्ति में कोई दिक्कत न आए।
पिछली गर्मियों में 19 जून को अधिकतम मांग 8656 मेगावाट तक पहुंच गई थी। इस बार अधिकतम मांग नौ हजार मेगावाट से अधिक पहुंच सकती है। उन्होंने इसे ध्यान में रखते हुए तैयारी करने के निर्देश दिए।
गर्मियों में आपूर्ति की जाएगी बिजली की मांग
बिजली वितरण कंपनियों का कहना है कि गर्मियों में मांग के अनुसार बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। दीर्घकालीन समझौते से पावर बैंकिंग व्यवस्था के तहत पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
पावर बैंकिंग व्यवस्था के तहत सर्दियों में जब बिजली की मांग कम होती है तो दिल्ली अपने हिस्से की बिजली उन राज्यों को दे देती है जहां उस मौसम में मांग अधिक होती है। गर्मियों में उनसे उतनी बिजली वापस ले ली जाती है।
सूद को गृह, ऊर्जा, शहरी विकास, शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा विभाग आवंटित किए गए हैं। उन्होंने गृह विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें कानून व्यवस्था को मजबूत करने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
इन मुद्दों पर दिया जाएगा ध्यान
उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर कहा, "मैं सुनिश्चित करूंगा कि गृह विभाग पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ काम करे। हमारी प्राथमिकता होगी कि कानून व्यवस्था के साथ-साथ आपदा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था और अन्य संबंधित मुद्दों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।"
दिल्ली के समग्र विकास पर चर्चा
शहरी विकास मंत्री के साथ बैठक में उन्होंने दिल्ली के समग्र विकास पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य दिल्ली को आधुनिक, स्मार्ट और विकसित राजधानी बनाना है।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिक्षा मॉडल को मजबूत करने और अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए रूपरेखा तैयार करने को कहा।
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