राजस्थान की घटना से सबक ले रही दिल्ली सरकार, MCD के सभी स्कूलों को ठीक करने के निर्देश
राजस्थान में स्कूल हादसे के बाद दैनिक जागरण ने कितने सुरक्षित हैं स्कूल अभियान चलाया। दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूलों की जर्जर हालत उजागर की गई। सीएम योगी और महापौर ने इस पर ध्यान दिया। दिल्ली में स्कूलों की मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही स्कूलों का सर्वे होगा और मरम्मत कार्य किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजस्थान के झालावाड़ के सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत गिरने से हुई सात बच्चों की मौत ने सभी को झकझोर कर रखा दिया। ऐसी घटनाओं का दोहराव न हो इसके लिए दैनिक जागरण ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सरकारी स्कूलों की खामियों को उजागर करने और उसका समाधान करने का 'कितने सुरक्षित हैं स्कूल' चलाया।
इससे दिल्ली के छह स्कूल समेत फरीदाबाद के 50 से ज्यादा तो नोएडा में 77 गाजियाबाद और गुरुग्राम के कई स्कूलों का जमीनी खराब स्थिति को दिखाया। यही वजह है कि दैनिक जागरण के अभियान के बाद दिल्ली ही नहीं एनसीआर के सरकारी स्कूलों में सुधार की प्रशासन आगे बढ़ रहा है।
उत्तर-प्रदेश में स्वयं सीएम योगी आदित्यनाथ ने दैनिक जागरण की खबरों का संज्ञान लिया जबकि दिल्ली में महापौर राजा इकबाल सिंह ने भी स्कूलों की खराब स्थिति का संज्ञान लेते हुए सुधार कार्य को तेज करने के निर्देश दिए है।
महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि हमारे संज्ञान में जानकारी आई कि कई स्कूलों को मरम्मत की जरुरत है। जब हमने विभाग से पता किया तो कई स्कूलों के सुधार के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। हमने इसमें तेजी लाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि हर स्कूल की जरुरत के हिसाब से मरम्मत हो इसके लिए समयबद्ध तरीके से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
महापौर ने कहा कि करीब 10 स्कूलों की नई इमारतें निर्माणधीन है। जल्द ही इनका उद्धाटन किया जाएगा। बाकि अन्य स्कूलों की इमारतों का भी सर्वे किया जाएगा। एक सर्वे 2023 में हुआ था। फिलहाल उसी के आधार पर कार्य चल रहा है। इस सर्वे के अनुसार निगम की 1185 इमारतों में से 368 इमारतों को मरम्मत की जरुरत की बात सामने आई थी।
दैनिक जागरण कितने सुरक्षित हैं स्कूल अभियान के तहत 31 जुलाई और एक अगस्त 2025 के संस्करण में जर्जर और बदहाल स्कूलों की इमारतों का मुद्दा उठाया था। जहां मंगोलपुरी के सी ब्लाक में स्कूल की इमारत इतनी जर्जर है कि यहां पर पहली मंजिल का उपयोग पांच साल से बंद है और उसी के नीचे कक्षा चल रही है।
यही के एच ब्लाक व आइ ब्लाक स्कूल की चारदिवारी भी जर्जर स्थिति में हैं जहां पर दीवार गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ओखला के भी को-एड स्कूल की टपकती छत की खबर का मुद्दा भी उठाया था। उल्लेखनीय है कि एमसीडी के 1185 स्कूल हैं इसमें करीब सात लाख बच्चे अध्ययन करते हैं।
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