ई-वाहनों की चार्जिग व्यवस्था तैयार करने में जुटी सरकार, जानिए सरकार का प्लान
दिल्ली सरकार ने ई-वाहनों के लिए चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर ध्यान बढ़ा दिया है। अगले पांच साल में सरकार इस पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान फोकस कर रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी में जल्द ही ई-वाहनों की धमक दिखाई देने लगेगी। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने ई-वाहनों के लिए चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर ध्यान बढ़ा दिया है। ऊर्जा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए राजधानी में तेजी से काम किया जाएगा। चार्जिग स्टेशनों के निर्माण के लिए ऊर्जा विभाग, परिवहन विभाग, तीनों निगमों ,एनडीएमसी व बिजली वितरण कंपनियों को साथ मिलकर काम करना है।
बिछेगा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल
वहीं दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2018 को लागू करने से पहले दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के मकसद से वर्किग ग्रुप गठित कर दिया है। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने डायलॉग एवं डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह को वर्किग ग्रुप का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह ग्रुप इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल तेजी से बिछाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।
अगले पांच वर्ष में बढ़ाने का लक्ष्य
इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत अगले 5 वर्ष में दिल्ली में जितने वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा, उसमें से 25 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन होंगे। ऐसे में 2023 तक पंजीकृत होने वाले वाहनों में 25 फीसद इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन करने का लक्ष्य तय किया गया है। दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2018 के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में भारी बढ़ोतरी संभावित है। वर्किग ग्रुप को प्रत्येक बैठक की विस्तृत जानकारी देनी होगी।
इलेक्ट्रिक नीति के तथ्य
ई- दो पहिया वाहनों पर मिलेगी सब्सिडी।
ई-दो पहिया वाहनों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी की मिलेगी अनुमति।
ई-ऑटो के लिए परमिट की अनिवार्यता होगी समाप्त।
ई-ऑटो को मिलेगी सब्सिडी।
पीपीपी मॉडल पर ई-वाहनों की चार्जिग के लिए चार्जिग स्टेशन बनाए जाएंगे।
पब्लिक पार्किग क्षेत्रों,बस डिपो, बस टर्मिनल और मेट्रो स्टेशनों पर बनेंगे चार्जिग स्टेशन।
बैटरी चार्जिग को चलाने के लिए विशेष दर पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
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