AAP की दो योजनाओं पर दिल्ली सरकार के विभागों ने उठाए सवाल, रजिस्ट्रेशन को बताया अवैध; कहा- निजी जानकारी शेयर न करें
दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) की दो योजनाओं के शुरू किए गए पंजीकरण को बताया अवैध बताया है। इन योजनाओं से संबंधित दिल्ली सरकार के दो विभागों ने जनता को सलाह दी है कि वे किसी के झांसे में न आएं और व्यक्तिगत जानकारी किसी से शेयर नहीं करें। विभागों ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना का नाम लेकर साफ किया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) की दो योजनाओं के शुरू किए गए पंजीकरण को बताया अवैध बताया है। इन योजनाओं से संबंधित दिल्ली सरकार के दो विभागों ने जनता को सलाह दी है कि वे किसी के झांसे में न आएं और अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी से शेयर नहीं करें।
सरकार नहीं करा रही कोई पंजीकरण
विभागों ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना का नाम लेकर साफ किया है कि ये योजनाएं उनके पास अधिसूचित नहीं हैं। अधिसूचित होने पर सरकार स्वयं इसके लिए पोर्टल शुरू करेगी और पंजीकरण कराएगी। इसलिए किसी निजी व्यक्ति को अपने दस्तावेज नहीं दें, सरकार अभी कोई पंजीकरण नहीं कर रही है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने योजनाओं पर उठाए सवाल
मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी की गई सार्वजनिक सूचना में कहां गया है कि ऐसी जानकारी मिली है कि एक राजनीतिक दल द्वारा मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत प्रतिमा ₹2100 देने का वादा किया जा रहा है।
ऐसी कोई योजना उनके पास अधिसूचित नहीं
विभाग ने स्पष्ट किया है दिल्ली सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना अधिसूचित नहीं की गई है। विभाग ने कहा है यदि जब कोई ऐसी योजना अधिसूचित की जाएगी तो महिला एवं बाल विकास विभाग पात्र व्यक्तियों के लिए एक डिजिटल पोर्टल लॉन्च करेगा ताकि वे सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार अपना आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकें। विभाग ने कहा है कि सरकार की सभी योजनाओं के विवरण केवल विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा अन्य कोई किसी योजना के बारे में बात कर रहा है तो वह झूठ है।
विभाग ने लोगों को किया आगाह
विभाग द्वारा जनता को आगाह किया गया है की ऐसी कोई योजना अस्तित्व में नहीं है, इसलिए इस गैर मौजूद योजना के तहत पंजीकरण के लिए फार्म या आवेदन के स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता है। विभाग ने कहा है कोई भी निजी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी जो इस योजना के नाम पर फार्म आवेदन एकत्रित कर रही है या आवेदकों से जानकारी एकत्रित कर रही है, वह धोखाधड़ी कर रही है और उसके पास इसका कोई अधिकार नहीं है।
जंगपुरा में संजीवनी योजना के रजिस्ट्रेशन कराते आप संयोजक अरविंद केजरीवाल।
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निजी जानकारी किसी से शेयर न करने की दी सलाह
विभाग ने जनता को सावधान किया है कि इस योजना के नाम पर व्यक्तिगत विवरण जैसे बैंक खाता जानकारी, वोटर आई कार्ड, फोन नंबर, आवासीय पता या कोई अन्य संवेदनशील जानकारी साझा करने पर सार्वजनिक डोमेन में जानकारी लीक होने का खतरा पैदा हो सकता है।
विभाग ने कहा है कि इस स्थिति में नागरिक पूरी तरह से अपने जोखिम पर होंगे और उन्हें किसी तरह के परिणाम के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। विभाग ने जनता को सलाह दी है कि दिल्ली की इस गैर मौजूद योजना के लिए झूठे वादों को ना माने, क्यों किया वादा भ्रामक है और बिना किसी प्राधिकरण के हैं।विभाग ने जनता से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को व्यक्तिगत विवरण देने से अत्यधिक सतर्कता बढ़ाएं ताकि भविष्य में किसी भी धोखाधड़ी या डाटा उल्लंघन से बचा जा सके।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने भी उठाए सवाल
इसी तरह दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने भी सार्वजनिक सूचना जारी कर संजीवनी योजना को लेकर स्पष्ट किया है। विभाग ने कहा है कि ऐसी जानकारी मिली है की संजीवनी योजना के तहत फार्म भरवा कर नामांकन करने के लिए कुछ राजनीतिक पदाधिकारी वालंटियर्स द्वारा पंजीकरण अभियान शुरू किया गया है जो बुजुर्ग नागरिकों से जानकारी एकत्र करने और उन्हें किसी प्रकार का स्वास्थ्य संजीवनी योजना कार्ड सौंपने के लिए घर-घर जा रहे हैं।
इसके अलावा कथित पंजीकरण फार्म में बुजुर्ग नागरिकों का विवरण मांगा जा रहा है। जिसमें फोन नंबर, पता, आधार और बैंक खाते का विवरण शामिल है। इस योजना के बारे में पूछताछ करने के लिए बुजुर्ग सरकारी अस्पतालों और कार्यालयों में जाने लगे हैं। विभाग ने कहा है कि दिल्ली सरकार के पास आज तक ऐसी कोई भी कथित संजीवनी योजना अस्तित्व में नहीं है। न ही विभाग इस संबंध में कोई कार्ड दे रहा है।
ऐसी कोई योजना नहीं...
विभाग ने इस बात पर जोर दिया है कि ऐसी कोई योजना मौजूद नहीं है इसलिए ऐसी गैर मौजूद योजना के तहत पंजीकरण के लिए भौतिक फार्म आवेदन का सवाल ही नहीं उठाता है। विभाग ने लोगों से कहा है कि संजीवनी योजना के तहत मुफ्त इलाज के किसी भी वादे पर विश्वास ना करें।
योजना के तहत लाभ प्रदान करने का वादा करने वाले किसी भी व्यक्ति की कोई व्यक्तिगत विवरण ना दें। अनजाने में किसी भी दस्तावेज पर अपने हस्ताक्षर या अंगूठा ना लगाएं। विभाग ने यह भी सलाह दी है कि ऐसी किसी योजना पर विश्वास ना करें जो अस्तित्व में नहीं है क्योंकि यह भ्रामक है और किसी बिना अधिकार के है।
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