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    35 मंजिला इमारत में बनेगा दिल्ली सरकार का नया सचिवालय! 1910 करोड़ से बनने वाली बिल्डिंग में क्या होगा खास?

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 04:02 PM (IST)

    दिल्ली सरकार राजघाट पावर प्लांट की जगह 35 मंजिला नया सचिवालय बनाने की योजना बना रही है। 1910 करोड़ की लागत से बनने वाले इस सचिवालय के लिए राजघाट स्थल सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। वर्तमान सचिवालय में जगह की कमी और अन्य विभागों के दूर होने से कामकाज प्रभावित होता है। नए सचिवालय में सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी।

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    दिल्ली सरकार का वर्तमान सचिवालय और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बंद पड़े राजघाट पावर प्लांट के स्थान पर दिल्ली सरकार का नया सचिवालय बन सकता है। दिल्ली सरकार ने जिन चार स्थानों पर जगह को प्रस्तावित किया है, उनमें सबसे उपयुक्त है राजघाट स्थल है। 18 एकड़ में राजघाट स्थल फैला है।

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    इसके अलावा पीब्ल्यूडी मुख्यालय परिसर दिल्ली विधानसभा के पास खैबरपास में खाली कराई गई जमीन, आईपी डिपो के सामने बंद पावर प्लांट इसे बनाए जाने वाले प्रस्तावित स्थानों में शामिल हैं।

    इमारत को पीपीपी मोड में बनाए जाने की योजना

    दिल्ली सरकार 35 मंजिला इमारत में अपना सचिवालय बनाने पर विचार कर रही है। राजघाट स्थल की जमीन दिल्ली सरकार और डीडीए की सम्मिलित रूप से है। स्थल के बारे में अंतिम फैसला हो जाने पर दिल्ली सरकार डीडीए से इस जमीन को हासिल करने के लिए कार्रवाई करेगी।

    जिस तरह निगम मुख्यालय सिविक सेंटर का निर्माण पीपीपी मोड में हुआ है उसी तर्ज पर दिल्ली सरकार भी अपनी सचिवालय इमारत को पीपीपी मोड में बनाए जाने की योजना बना रही है।

    दिल्ली सचिवालय की वर्तमान बिल्डिंग कब बनी थी?

    सिविक सेंटर में बनाने पर खर्च का पैसा हासिल करने के लिए कंपनी ने अपने लिए एक अलग टावर बनाया है। दिल्ली सचिवालय अभी आईटीओ के इंदिरा गांधी स्टेडियम के ठीक बगल में बना है। इस इमारत को प्लेयर्स बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है। यह इमारत भूकंपरोधी नहीं है।

    1982 में एशियन गेम्स के वक्त इस इमारत को बनाया गया था, लेकिन समय से काम पूरा न होने के चलते ये होटल वक्त से बना नहीं, बाद में दिल्ली सरकार सिविल लाइंस से शिफ्ट होकर प्लेयर बिल्डिंग में शिफ्ट हो गई। दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों के अलावा 19 विभाग के ही ऑफिस ही स्थानांतरित हो पाए।

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिए संकेत

    पीडब्ल्यूडी जल बोर्ड समेत स्वास्थ्य विभाग के भी कई दफ़्तर अलग अलग होने के वजह से कामकाज पर उसका असर पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए पूर्व की योजना के तहत दिल्ली सचिवालय से जुड़े दो टावर आईटीओ स्थित पीब्ल्यूडी मुख्यालय परिसर में 2022 में भी बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन धीमी रफ्तार के चलते ये योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।

    अब दिल्ली सरकार ने फिर नया सचिवालय बनाने की योजना को शुरू करने का संकेत दिया है। चार दिन पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसके संकेत दिए हैं। पीब्ल्यूडी मुख्यालय परिसर में इसे बनाने की जो पूर्व में योजना पर विचार हुआ है।

    इसे यहां पर ट्विन टावर में बनाया जाना था। इसका एक टावर विकास भवन के प्लाट पर और दूसरा टावर पीडब्ल्यूडी मुख्यालय (एमएसओ) व जीएसटी बिल्डिंग को तोड़कर उनके स्थान पर बनाया जाना था। यहां टावर और इसके परिसर को तैयार करने में 53,603 वर्ग मीटर जमीन का इस्तेमाल ही हो सकता है।

    मगर एमएसओ बिल्डिंग की जगह पर राजघाट पावर प्लांट पर अधिक जगह उपलब्ध है। बेहतर पार्किंग व सुरक्षा व्यवस्था भी यहां उपलब्ध हो सकती है। जबकि एमएसओ बिल्डिंग में मुख्यालय बनाया जाता है तो यहां पर भविष्य में यातायात जाम और पार्किंग की समस्या भी हो सकती है।

    विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि एमएसओ बिल्डिंग के स्थान पर सचिवालय बनाए जाने के लिए एमएसओ व जीएसटी बिल्डिंग को तोड़ना पड़ेगा। दोनों ही बहुमंजिला इमारतों की अभी 30 से लेकर 40 साल की उम्र बची हुई है।

    नए सचिवालय में होंगी ये सुविधाएं

    • ट्विन टावर बनने से सरकार के सभी विभाग इसमें शिफ्ट हो जाएंगे।
    • टावर हरित भवन होंगे और इसमें अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
    • टावर में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों के अलावा मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों, सचिवों और उनके सहायक कर्मचारियों के दफ्तर होंगे।
    • आंतरिक साज-सज्जा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
    • टावर में 2000, 1000 और 500 लोगों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम बनाए जाएंगे।
    • पुस्तकालय, क्रेच, कैंटीन, कैफेटेरिया और फूड कोर्ट आदि होंगे-वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरे, लिफ्ट, एस्केलेटर, सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग, कॉन्फ्रेंस हॉल के लिए ऑडियो-वीडियो सिस्टम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होगी।
    • पार्किग की सुविधा के साथ लैंड स्केपिंग, खुला एरिया व टेरेस गार्डन होगा-वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिग प्वाइंट होंगे।