Delhi Floods: यमुना के उफान से बंद हुए नाले, कॉलोनियों में पानी भरने से लोग परेशान; कई इलाकों में हालात बदतर
दिल्ली में यमुना के उफान के बाद एहतियात के तौर पर बंद किए गए नाले अब परेशानी का सबब बन गए हैं। नजफगढ़ ड्रेन में गिरने वाले नाले बंद होने से कई इलाकों में जलभराव हो गया है जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हकीकत नगर और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में स्थिति ज्यादा खराब है जहां घरों में पानी घुस गया है।

जागरण टीम, नई दिल्ली। यमुना के उफान के बाद एहतियात के तौर पर बंद किए नाले अब परेशानी का सबब बन गए हैं। नजफगढ़ ड्रेन में गिरने वाले नाले बंद होने से दिल्ली के एक बड़े हिस्से की जन निकासी व्यवस्था पंगु हो गई। इस कारण, उत्तम नगर से लेकर जहांगीरपुरी, हकीकत नगर (मुखर्जी नगर) और सिविल लाइंस तक कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया। कहीं एक फीट तो कहीं दो फीट पानी होने से लोगा परेशानी में हैं।
पूरे क्षेत्र में सैकड़ों घरों के भीतर पानी पहुंच गया। हकीकत नगर में जल निकासी प्रबंधों से नाखुश लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा। महिलाओं ने बीच सड़क बैठकर विरोध जताया तो नगर निगम महापौर व विधायक समझाने पहुंचे। महिला प्रदर्शनकारी महिलाओं को सड़क से हटाने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।
यमुना में गिरने वाली सबसे बड़ा नाला नजफगढ़ ड्रेन, जिसमें कई छोटे व मंझोले नाले गिरते हैं। पिछले दो-तीन दिन से नालों के फाटक बंद कर दिए गए हैं। इसका सीध असर क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था पर नजर आया। नजफगढ़ ड्रेन के पास बसे मुखर्जी नगर क्षेत्र के हकीकत नगर और एसएफएस फ्लैट्स की निकासी व्यवस्था ध्वस्त हो गई। हकीकत नगर में वर्ष 2023 में भी दो फीट पानी भर गया था।
ऐसा ही हाल इस बार भी देखने को मिला। हकीकत नगर में 384 फ्लैट हैं, ग्राउंड फ्लोर पर बने ज्यादातर घरों की देहरी व भीतर तक पानी पहुंच गया। कालोनी की सभी गलियों में एक से लेकर दो फीट तक पानी जमा है। ज्यादातर लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए।
आरडब्ल्यूए महासचिव नमन अरोड़ा ने बताया कि कल सुबह 10 बजे से कॉलोनी की बिजली आपूर्ति काट दी है। इससे परेशानी और बढ़ गई। उधर, एसएफएस फ्लैट्स की गलियां जलमग्न हैं। लोगों की आवाजाही लगभग बंद है। इंदिरा विहार और नेहरू विहार के मुख्य रोड पानी में डूबे हैं।
जल निकासी के प्रबंधों से नाखुश हकीकत नगर के लोगों का धैर्य शुक्रवार को जवाब दे गया। महिला और पुरुष जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-2 रिंग रोड पहुंचे और बीच सड़क बैठक गए। लगभग 45 मिनट यातायात बाधित रहा। एसीपी ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान महिला पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोड से हटाने की कोशिश की, लेकिन नहीं माने।
मशक्कत के बाद महिलाओं को रोड हटाया। इसी दौरान नगर निगम महापौर राजा इकबाल सिंह व स्थानीय विधायक सूर्य प्रकाश खत्री पहुंचे और लोगों को समझाया। हकीकत नगर में पंप की संख्या तीन से बढ़ाकर आठ की जा रही है।
नाले बंद होने का असर जहांगीरपुरी की जल निकासी पर भी देखने को मिला। जहांगीरपुरी की ईई-ब्लाक झुग्गी बस्ती में लगभग दो फीट भर गया। बता दें कि कल शाम ईई-ब्लाक में पानी में डूबने से एक बीमार युवक की मौत हो गई थी। आज भी यहां जलभराव के कारण स्थिति खराब रही।
इसके अलावा जहांगीरपुरी के ई-ब्लाक व डी-ब्लाक और एमसीडी फ्लैट्स की गलियों में एक फीट तक पानी जमा होने से लोग दो दिन से परेशान हैं। जहांगीरपुरी पुलिस थाना परिसर भी जलमग्न हो गया। थाने के बाहर और भीतर एक फीट तक जलजमाव देखने को मिला।
चार दिनों से हमारी दुकानों का सामान खराब हो रहा है। सारा फर्नीचर खराब हो गया है। हमने पंप लगाए हुए थे। लेकिन सोचा नहीं था कि इतना पानी जमा हो जाएगा। लोग घरो से निकल नही पा रहे है। दुकानों में 2 फुट और घरों में 3 फुट तक पानी भर गया है। - सुमित कुमार , हकीकत नगर
2023 में भी हम इसी तरह से बर्बाद हो चुके है। इसके बाद भी प्रशासन की आंख नहीं खुली है। इस बार पहले से भी ज्यादा बर्बादी हो चुकी है। - माधुरी, हकीकत नगर
पानी जमा होने से बिमारियां फैल रही है। मच्छर पनप रहे है। बच्चों को बहुत संभाल कर रखा जा रहा है। प्रशासन को हमारी जान और बीमार होने की कुछ नहीं पड़ी है। - महेंद्र, जहांगीरपुरी
सीवर बैक फ्लों मारने से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। चार दिन से बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे है। ऐसे में उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। वहीं सब्जी लाने और अन्य सामान लाने के लिए बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। - राजेश, जहांगीरपुरी
यमुना में आए उफान का दिल्ली के भीतरी इलाके पर असर
यमुना में आए उफान का असर न सिर्फ इसके किनारे के इलाकों पर बल्कि अब दिल्ली के भीतरी इलाके पर भी नजर आ रहा है। नजफगढ़ ड्रेन में गिरने वाले कई छोटे व मंझोले नाले के फाटक बंद होने से कालोनियों में पानी की निकासी की प्रणाली अवरुद्ध हो गई है। नतीजा कालोनियों में जलभराव की समस्या एक बड़ी मुसीबत का रुप लेती जा रही है।
करीब ढाई हजार फ्लैटों वाली हस्तसाल डीडीए कालोनी के एक किनारे से नजफगढ़ ड्रेन ताे एक किनारे से पंखा रोड ड्रेन गुजरता है। कालोनी के पानी का प्रवाह पंखा रोड ड्रेन की ओर है। पंखा रोड ड्रेन का पानी नजफगढ़ ड्रेन में गिरता है। यमुना में आए उफान व लगातार हो रही वर्षा के कारण नजफगढ़ ड्रेन का जलस्तर भी बढ़ता चला जा रहा है।
लबालब चल रहे नजफगढ़ ड्रेन का पानी पंखा रोड में बैक न मारे, इसके लिए पंखा रोड ड्रेन के निकास पर लगे फाटक को बंद कर दिया गया है। फाटक बंद होने से पंखा रोड ड्रेन का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है और ड्रेन का जलस्तर बढ़ रहा है। अब ड्रेन में बढ़ रहे पानी का असर इसके किनारे स्थित हस्तसाल डीडीए कालोनी पर पड़ रहा है।
कालोनी की जलनिकासी प्रणाली पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कालोनी के हर हिस्से में पिछले चार दिनों से पानी भरा है। यह पानी सड़कों से लेकर गलियों, पार्कों हर जगह भरा नजर आता है। पानी नालियों, नालों या सीवर लाइन में जाने के बजाय सड़क पर एकत्रित हो रहा है। पूरी कालोनी काले गंदे व बदबूदार पानी से भरा है।
एक ही कई दिनों से एकत्रित इस पानी से तेज बदबू निकल रही है। लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। सबसे अधिक असर भूतल पर रहने वाले परिवारों पर पड़ा है। अब तो सांप भी कालोनी में निकलने लगे हैं, जिससे एक अलग ही तरह का डर लोगों में व्याप्त है। कालोनी की गलियों से निकलकर जब लोग मुख्य सड़क पर आते हैं तो यहां घुटना से भी उपर पानी जमा है।
प्रशासन कर रहा कोशिश, लेकिन नहीं हो रहा असर
कालोनी से जलनिकासी के लिए लोक निर्माण विभाग व सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग आपसी तालमेल से काम कर रहा है, लेकिन इसका असर अभी नहीं दिख रहा है। लोक निर्माण विभाग के पंप कालोनी की सड़कों से पानी को लिफ्ट कर पंखा रोड ड्रेन में डाल रहे हैं। उधर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के पंप से पंखा रोड ड्रेन से पानी को पाइप के माध्यम से नजफगढ़ ड्रेन में डाला जा रहा है।
कालोनी के लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं। हर जगह गंदा पानी फैला है। बदबू एक अलग परेशानी है। महामारी का खतरा अब मंडरा रहा है। - संदीप, हस्तसाल एलआइजी
वर्षा होगी और समस्या होगी। क्या सरकार को ऐसी विषम परिस्थिति के लिए कोई योजना अलग से तैयार नहीं करनी चाहिए थी। हस्तसाल कालोनी निचले इलाके में बसी है। लेकिन इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई। - सुदर्शन गुलेरिया, हस्तसाल एलआइजी
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