'इस बार यमुना से दिल्ली में नहीं आएगी बाढ़', CM रेखा गुप्ता का दावा; मंत्री प्रवेश वर्मा के साथ लिया जायजा
दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद सरकार सतर्क है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंत्री प्रवेश वर्मा के साथ स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने दावा किया कि इस बार दिल्ली में बाढ़ नहीं आएगी क्योंकि सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। यमुना के जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली में यमुना के बढ़ते जल स्तर पर रेखा सरकार ने निगाह बनाए हुए है। सोमवार को जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया। दिल्ली में बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर सीएम रेखा गुप्ता ने मंत्री प्रवेश वर्मा के साथ स्थिति का जायजा लिया।
सीएम ने यमुना व इससे सटे इलाकों में बाढ़ की स्थिति से निपटने की अधिकारियों से बातचीत कर तैयारियों की समीक्षा की। सीएम ने दावा किया कि ऐसी तैयारी की है कि दिल्ली में यमुना से बाढ़ नहीं जाएगी।
यमुना खतरे के निशान को पार करने की सूचना मिलते ही सीएम सोमवार दोपहर असीता घाट गई। यहां से यमुना छठ घाट, पूर्वी जिलाधिकारी कार्यालय में बने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के कंट्रोल रूम, आइटीओ पर 12 नंबर रेगुलेटर का निरीक्ष्ण किया।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से लगातार दिल्ली में पानी छोड़ा जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी की गई एडवाइज़री के तहत दिल्ली में यमुना का जल स्तर 206 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। हरियाणा से जो पानी छोड़ जा रहा है। वह बिना अवरोध व उतनी ही गति से आगे भी बढ़ रहा है, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। इस कारण बाढ़ की स्थिति बनती थी।
उन्होंने दावा किया कि इस बार यमुना के जलस्तर से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से मानिटरिंग की है। लगातार विभागीय टीमें पानी की स्थिति, छोड़े गए पानी और उसके बहाव पर नजर बनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में दिल्ली ने बाढ़ का सामना किया, जब यमुना का जलस्तर 208.6 मीटर तक पहुंच गया था और कई रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए थे। उस वक्त नालों की सफाई नहीं हुई थी व बैराजों की व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गई थीं। आइटीओ बैराज के गेट भी बंद और जाम पड़े थे। लेकिन इस बार पिछले छह महीनों से लगातार काम करके आइटीओ बैराज के सभी गेट पूरी तरह से खोल दिए गए हैं।
दावा किया गया दिल्ली में नालों की सफाई का काम पूरा हो गया है। जलभराव वाले प्रमुख इलाकों की पहचान कर वहां नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
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