विकराल हुई यमुना का जलस्तर 207.37 मीटर पर पहुंचा, खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही नदी
दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। यमुना बाजार और रिंग रोड पर पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। हथनी कुंड से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है दिल्ली के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना पिछले तीन दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार शाम को यह खतरे के निशान 205.33 मीटर से दो मीटर ऊपर से बह रही है जिससे पूरे खादर क्षेत्र में पानी भर गया है।
यमुना बाजार में आठ फुट तक पानी भरा हुआ है। यहां के राहत शिविर में पानी भरने से वहां रह रहे लोगों को हटाना पड़ा। रिंग रोड पर भी पानी पहुंचने लगा है। इस कारण राजघाट से कश्मीरी गेट जाने वाले मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
निगम बोध घाट को बंद कर दिया गया है। हरियाणा के हथनी कुंड से बुधवार को भी प्रति घंटे 1.75 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे स्थिति में अभी सुधार की संभावना नहीं है। स्थिति को देखते हुए राहत व बचाव कार्य के लिए अलग-अलग स्थानों पर एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।
हथनी कुंड से सोमवार को प्रति घंटे अधिकतम 3.29 लाख क्यूसेक और मंगलवार को दो लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया। इससे दिल्ली में यमुना उफान पर है। एक क्यूसेक प्रति सेकंड एक घन फुट पानी के प्रवाह को मापता है, जो लगभग 28.317 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है।
अधिक पानी आने से मंगलवार को शाम चार बजे ही लोहा पुल के पास यमुना का जलस्तर 206 मीटर पहुंच गया था जिससे इस पुल से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी। बुधवार सुबह साढ़े छह बजे इस पुल से ट्रेनों की आवाजाही भी रोक दी गई।
दोपहर एक बजे लोहा पुल के पास नदी का जलस्तर 207 मीटर और शाम सात बजे 207.37 मीटर तक पहुंच गया। इससे पहले सिर्फ जुलाई, 2023 और 1978 में यमुना का पानी इतना अधिक पहुंचा था।
नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों की परेशानी और सरकार की चिंता बढ़ रही है। पूरे खादर क्षेत्र में पानी भरा हुआ है। घोंडा विधानसभा क्षेत्र के पुराना उस्मानपुर, पुराना गढ़ी मांडू और नानकसर क्षेत्र में पानी भरने से यहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा।
शाम के समय यमुना बाजार के राहत शिविर तक पानी पहुंच गया। तत्काल प्रशासन व पुलिस ने वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। मोनेस्ट्री बाजार से होते हुए पानी रिंग रोड पर पहुंचने लगा है।
इसे देखते हुए यातायात पुलिस ने राजघाट से कश्मीरी गेट के साथ ही वजीराबाद-सिग्नेचर ब्रिज और चंदगी राम अखाड़ा-आइपी कालेज रेड लाइट सड़क पर वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी।
दिल्ली के छह जिलों में बाढ़ का खतरा
यमुना का पानी बढ़ने से दिल्ली के छह जिले उत्तर, उत्तर पूर्व, शाहदरा, पूर्व, मध्य और दक्षिण पूर्व में बाढ़ का खतरा है। दक्षिण पूर्व, मध्य व पूर्व जिले में एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है।
पूरे खादर में पानी भरने के कारण बेघर होने वालों की संख्या 15 हजार से ऊपर है। इनमें से 10 हजार से अधिक लोगों को प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में रखा गया है। बड़ी संख्या में लोग विकास मार्ग सहित अन्य स्थानों पर टेंट लगाकर रह रहे हैं।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हथनी कुंड से अधिक पानी आने के कारण वजीराबाद बैराज से भी अधिक पानी छोड़ना पड़ रहा है। इससे लोहा पुल के पास जलस्तर बढ़ रहा है। 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है।
- राहत शिविर - 38 स्थानों पर
- टेंट लगाए गए हैं - 27 स्थानों पर
- कुल टेंट - 522
- स्थायी आश्रय स्थल - 13
दिल्ली में यमुना का अधिकतम जलस्तर
- 1978: 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे दिल्ली में यमुना का जल स्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था।
- 2010: 7.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जलस्तर 207.11 मीटर तक पहुंचा था।
- 2013: 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंचा था।
- 11 जुलाई, 2023: 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया और उस समय यमुना का स्तर रिकार्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था।
- चेतावनी स्तरः 204.50 मीटर
- खतरे का स्तरः 205.33 मीटर
- निचले क्षेत्र खाली कराने की स्थितिः 206 मीटर
- अभी तक पानी का उच्चतम स्तरः 208.66 मीटर (13.07.2023)
लोहा पुल के पास जलस्तर
- सुबह 5 बजे - 206.74
- सुबह 7 बजे -206.8
- सुबह 9 बजे - 206.85
- पूर्वाह्न11 बजे - 206.97
- दोपहर1 बजे - 207
- अपराह्न 3 बजे - 207.09
- शाम 5 बजे - 207.27
- शाम 7 बजे - 207.37
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