दिल्ली में 2023 की तरह इस बार भी गहराया बाढ़ का खतरा, यमुना खतरे के निशान से ऊपर
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं। यातायात बाधित है और बचाव कार्य जारी है। यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के पास पानी भरने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। शहर में जलभराव को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। यमुना का पानी बुधवार शाम से खतरे के निशान से दो मीटर से अधिक ऊपर से बह रही है। शुक्रवार को भी यही स्थिति रहने का पूर्वानुमान है। इससे जुलाई, 2023 की तरह बाढ़ का खतरा गहराने लगा है।
उस समय यमुना का पानी 208.66 मीटर तक पहुंच गया था जिससे राजधानी के कई क्षेत्रों में पानी भरने से लगभग एक सप्ताह तक जनजीवन अस्तव्यस्त रहा था। बृहस्पतिवार सुबह यमुना का जलस्तर 207. 48 मीटर तक पहुंच गया।
9 सितंबर, 1978 को भी पानी 207.49 मीटर तक पहुंचा था जिससे दिल्ली के कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस बार छह जिले बाढ़ की चपेट में हैं। यमुना खादर में स्थित घरों के साथ ही रिंग रोड, सिविल लाइंस सहित कई अन्य क्षेत्रों में नदी का पानी आवासी क्षेत्र में पहुंच गया है।
यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के बाहर सड़क पर पानी भरने से यात्री नहीं पहुंच पा रहे हैं। सड़क पर पानी भरने से जाम लग रहा है। लोहा पुल से ट्रेनों की आवाजाही भी दो दिनों से बंद है।
बुधवार शाम से नदी का पानी रिंग रोड व आवासीय क्षेत्रों में पहुंचना शुरू हो गया था। बृहस्पतिवार को भी यही स्थिति रही। कश्मीरी गेट आईएसबीटी में बीती रात से ही पानी भरा हुआ है। सिविल लाइंस के बेला रोड स्थित घरों में पानी भर गया।
वहां फंसे लोगों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम ने निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। मयूर विहार फेज, यमुना विहार जैसे निचले क्षेत्रों में बने राहत शिविर पानी में पानी भर गया। इस कारण वहां शरण लिए लोगों को दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित किया गया।
गीता काॅलोनी, उस्मानपुर, बदरपुर खादर, यमुना बाजार, मोनेस्ट्री बाजार, मजनूं का टीला, चंदगी राम अखाड़ा सहित अन्य स्थानों पर पानी भरने से 15000 से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं।
दुकानों में पानी जाने से दुकानदारों को नुकसान हो रहा है। मंगलवार से अब तक एनडीआरएफ ने 1200 से अधिक लोगों बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
बुधवार शाम को रिंग रोड पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी। बृहस्पतिवार सुबह रिंग रोड खोल दिया गया परंतु लोगों को जाम से जूझना पड़ा। कश्मीरी गेट, वजीराबाद, सराय काले खां, बाहरी रिंग रोड सहित कई अन्य सड़कों पर भी जाम लगा रहा।
लोहा पुल बंद होने के कारण दैनिक यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। 100 से अधिक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। 50 से अधिक ट्रेनें निरस्त कर दी गई।
कई के मार्ग में बदलाव और 20 से अधिक ट्रेनों को आंशिक रूप से निरस्त करना पड़ा। इससे दिल्ली व एनसीआर के अन्य शहरों में जाने वाले दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
शहर में जलभराव का खतरा
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद 13 प्रमुख नालों का रेगुलेटर (फाटक) बंद कर दिया गया है जिससे कि नदी का पानी शहर में न पहुंचे। पंपिंग सेट से पानी निकाला जा रहा है। इससे प्राकृतिक बहाव की तुलना में कम पानी नहीं निकल रहा है।
यदि नदी का पानी कम नहीं हुआ तो नालों का पानी गलियों में फैलने का खतरा है। दिल्ली सचिवालय के पास नाले का पानी भर रहा जिसे निकालने के लिए पंपिंग सेट का सहारा लेना पड़ रहा है। हकीकत नगर, सदर बाजार सहित कई अन्य स्थानों पर जलभराव की समस्या है।
दिल्ली में यमुना का अधिकतम जलस्तर
- 9 सितंबर, 1978: 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे दिल्ली में यमुना का जल स्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था।
- 6 सितंबर, 2010: 7.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जलस्तर 207.11 मीटर तक पहुंचा था।
- 19 जून, 2013: 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंचा था।
- 11 जुलाई, 2023: 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया और उस समय यमुना का स्तर रिकार्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था।
- चेतावनी स्तरः 204.50 मीटर
- खतरे का स्तरः 205.33 मीटर
- निचले क्षेत्र खाली कराने की स्थितिः 206 मीटर
- अभी तक पानी का उच्चतम स्तरः 208.66 मीटर (13.07.2023)
लोहापुल पर बृहस्पतिवार को इतना रहा जलस्तर
- सुबह 5 बजे - 207.47
- सुबह 7 बजे - 207.48
- सुबह 9 बजे - 207.47
- पूर्वाह्न11 बजे - 207.46
- दोपहर1 बजे - 207.45
- अपराह्न 3 बजे - 207.45
- शाम 5 बजे - 207.43
- शाम 7 बजे - 207.42
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