यमुना का पानी आने से रिंग रोड बंद, खतरे में दिल्ली सचिवालय और राजघाट; निगमबोध घाट में अंतिम संस्कार पर रोक
दिल्ली में यमुना नदी में आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रिंग रोड के किनारे बसे घरों और दुकानों में पानी घुस गया है जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं। निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं और कश्मीरी गेट बस अड्डे से बसों का परिचालन प्रभावित हुआ है। यमुना किनारे स्थित राजघाट और दिल्ली सचिवालय पर भी खतरा मंडरा रहा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उफनती यमुना का पानी ने रिंग रोड किनारे के सैकड़ों घरों दुकानों में घुस गया है। स्थित यह कि दिनरात जलने वाली निगमबोध घाट चिताएं भी उफनाती यमुना के पानी के आगे ठंडी पड़ गई।
यहीं नहीं, बाढ़ का पानी कश्मीरी गेट बस अड्डे में घुस जाने से अंतरराज्यीय बसों का परिचालन प्रभावित हो गया है। जबकि, यमुना किनारे स्थित राजघाट व दिल्ली सचिवालय पर भी संकट मंडराने लग गया है।
एकाएक यमुना के रौंद्र रूप से हजारों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दो वर्ष पहले की तस्वीर फिर से दोहरा रही है, जब हर ओर त्राहिमाम था। यमुना बाजार समेत किनारे के बाजारों और बस्तियों में 10 फीट तक पानी भर गया है।
लोगों को सामान निकालने का भी नहीं मिला वक्त
यहां रहने वाले करीब 10 हजार लोगों इतना भी समय नहीं मिला कि वह अपना सामान घरों से निकाल कर उसे बचा सके। उसमें से जो निकालकर राहत शिविरों में भी लाए तो वह भी शिविरों के जलमग्न होने से खराब हो गए।
ऐसे में अपना सामान सिर पर उठाकर सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटकते लोग देखे गए। बाढ़ पीड़ितों को देर शाम मोरी गेट स्थित शिविरों में पहुंचाया गया है।
वहीं, यमुना बाजार में अभी भी सैकड़ों लोगों ने घर की छतों पर शरण ले रखी है, जिन्हें बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), पुलिस और अग्निशमन विभाग ने मोर्चा संभाल रखा है। जिला प्रशासन की टीमें भी मौके पर है।
निगमबोध घाट की दीवार तोड़ते हुए बढ़ा पानी
दोपहर बाद वहां भी चारो ओर बाढ़ का पानी काफी तेज गति से बह रही है, जो निगमबोध की दीवार तोड़ते हुए हाहाकार करते प्रवेश कर रही थी। बाढ़ के पानी के चलते उसे भी बंद कर देना पड़ा।
इसके चलते आम दिनों में 50-60 दाह संस्कार की जगह बुधवार को केवल 30 अंतिम संस्कार हुए। यहीं नहीं, देर शाम रिंग रोड के दूसरी ओर स्थित महाराणा प्रताप अंतरराज्यीय बस अड्डे में भी बाढ़ का पानी घुस गया। जिसके चलते स्थिति और बिगड़ गई।
दूसरी ओर, रिंग रोड को पार कर बाढ़ का पानी सिविल लाइंस की ओर बढ़ चला। जिससे बेला रोड के किनारे के घरों में लोग दहशत में आ गए। बेला रोड के सर्विस रोड पर भी बाढ़ का पानी आ गया था।
कश्मीरी गेट मोनेस्ट्री की दुकानें बंद
कश्मीरी गेट स्थित मोनेस्टी बाजार स्थित करीब 200 दुकानों को भी बाढ़ के चलते बंद करना पड़ा है। वैसे, बीते दो दिन पूर्व से बाढ़ की आशंका के मद्देनजर ऐहतियातन बाजार बंद है, लेकिन इस कदर यमुना उफना रही है कि बंद दुकानों में रखे कपड़े और अन्य सामान खराब हो गए।
यहां के दुकानदार तंजिन पसांग ने बताया कि पिछले दो दिनों से उनकी दुकानें बंद हैं। पहले से जिला प्रशासन द्वारा सचेत किए जाने से इस बार माल का नुकसान थोड़ा कम है।
दुकानदार धरग्याल ने बताया कि फ्रीज और अन्य उपकरण खराब हो गए हैं। कपड़ों में भी पानी घुस गया है। से आए हिंदू शरणार्थियों के शिविर ने जतन से जुटाए सामान को खराब कर दिया। यहां करीब 50 घर डूब गए।
रिंग रोड पर बंद किया गया यातायात
इस बीच, रिंग रोड पर यातायात बंद कर दिया गया। जिससे हजारों गाड़ियां बुराड़ी से लेकर मंगी ब्रिज तक जाम में कराहने लगी। स्थिति यह कि राजघाट के पीछे से गुजरती रिंग रोड को भी बंद कर दिया गया।
लोहे के पुल से भी यातायात को थाम दिया गया। अब चिंता राजघाट समेत दिल्ली सचिवालय को लेकर होने लगी है। जो यमुना किनारे ही स्थित है।
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