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    Yamuna Flood: एक तो बारिश ऊपर से हरियाणा का पानी, दिल्ली के किसानों के लिए दोहरी मुसीबत

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 08:02 AM (IST)

    लगातार बारिश के कारण दिल्ली के हरियाणा से सटे गांवों में खेती पर संकट आ गया है। झाड़ौदा कलां जैसे गांवों में धान ज्वार और बाजरा की फसलें खराब हो गई हैं। खेतों में पानी भरने से जलभराव हो गया है और किसानों को सरकार से मुआवजे की उम्मीद है। पालम 360 ने भी किसानों की मांग का समर्थन किया है।

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    कैर गांव की मुख्य सड़क पर खेत से आया पानी। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। लगातार हो रही वर्षा से दिल्ली की खेतीबाड़ी पर संकट गहराता जा रहा है। यह असर हरियाणा से सटे गांवों में साफ साफ देखा जा सकता है। हरियाणा से सटे ऐसे गांव जहां से छोटी बड़ी नहरें गुजर रही हैं, वहां इसका सबसे ज्यादा असर है।

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    झाड़ौदा कलां गांव की ही बात करें तो यहां खेतों में लगी धान, ज्वार व बाजरा की फसल खराब हो चुकी है। यही हाल दिचाऊं, कैर, ढांसा, बाकरगढ़ सहित अन्य गांवों का है। इन गांवों के खेत अब झील में तब्दील होने लगे हैं। किसानों का कहना है कि इस बार की वर्षा ने जिस प्रकार खेतीबाड़ी को निशाना बनाया है, ऐसा लंबे समय से किसी ने नहीं देखा था। अब सरकार से ही मदद की आस है।

    झाड़ौदा कलां के किसानों का कहना है कि पानी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। पहले घुटना भर पानी बढ़ा और अब कई जगह कमर तक पानी आ पहुंचा है। आलम यह है कि हरियाणा के सिंचाई नहरों से अभी भी पानी का प्रवाह गांव के खेतों की ओर जारी है। यानी पानी अभी और बढ़ेगा।

    खेत में यदि पानी लंबे समय तक जमा रहे और फिर एकाएक धूप खिले तो फसल को बर्बाद होने में देर नहीं लगेगी। ज्वार व बाजरा तो पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। धान भी करीब करीब बर्बाद हो चुका है। एक तो लगातार हो रही वर्षा, दूसरी ओर हरियाणा से आ रहा पानी किसानों के लिए दोहरी मुसीबत है।

    सड़क तक पहुंचा पानी 

    वर्षा से इन गांवों के खेत इस तरह लबालब भरे हैं, कि खेत से पानी गांव की सड़कों पर आ पहुंचा है। मित्राऊं से कैर गांव की ओर जाने वाली सड़क बुधवार को जलमग्न थी। इसी तरह झाड़ौदा कलां गांव में अर्बन एक्सटेंशन रोड से बाबा हरिदास मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर भी खेत का पानी आ पहुंचा। इससे गांव का जनजीवन अस्तव्यस्त होने लगा है।

    मुआवजा की मांग 

    प्रभावित गांवों के किसानों का कहना है कि जिस तरह से इस बार फसल को नुकसान पहुंचा है, उसके लिए वे मुआवजे के हकदार हैं। यदि उन्हें सरकार मुआवजा नहीं देगी तो उनकी कमर टूट जाएगी। वे एक ऐसी मुसीबत में फंसे हैं, जिसके लिए वे दोषी नहीं हैं। किसानों की इस मांग का पालम 360 ने समर्थन किया है।

    पालम 360 के प्रधान चौ सुरेंद्र सोलंकी झाड़ौदा कलां गांव के खेतों में पहुंचे और वहां जलभराव का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार वे उनकी मांग है कि संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों का साथ दे। सरकार स्वयं को किसान हितैषी बताती भी रही है, अब उस हितैषी सोच को धरातल पर उतारने का समय आ चुका है।

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