Delhi Excise Policy Case: सिसोदिया, संजय सिंह के बाद के कविता पहुंचीं तिहाड़, जेल प्रशासन की चुनौती बढ़ी
हाई प्रोफाइल कैदियों के कारण तिहाड़ जेल प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद अब के कविता को तिहाड़ भेजा गया है। आबकारी नीति घोटाला मामले में तिहाड़ पहुंचने वाली के कविता पहली महिला कैदी जरूर हैं लेकिन इनसे पहले यहां इस मामले में अनेक कैदी बंद हैं।

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में जैसे जैसे आरोपित तिहाड़ पहुंचते जा रहे हैं, जेल प्रशासन की चुनौती उतनी बढ़ती जा रही है। इन कैदियों की सुरक्षा काफी संवेदनशील मानी जाती है। क्षमता से अधिक कैदियों का बोझ ढो रहे तिहाड़ की जेलों के लिए नए कैदियों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है।
इस चुनौती को इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि इनकी सुरक्षा पर सीधे जेल महानिदेशक की नजर रहती है। जेल महानिदेशक प्रतिदिन अतिरिक्त महानिरीक्षक व उप महानिरीक्षक से इन कैदियों की गतिविधियों से जुड़ी रिपोर्ट लेते हैं। कोई अनहोनी या कानून का उल्लंघन न हो, इसके लिए तीसरी आंख का कड़ा पहरा इन कैदियों के ईर्दगिर्द रहता है।
तिहाड़ पहुंचने वाली के कविता पहली महिला कैदी
आबकारी नीति घोटाला मामले में तिहाड़ पहुंचने वाली के कविता पहली महिला कैदी जरूर हैं, लेकिन इनसे पहले यहां इस मामले में अनेक कैदी बंद हैं। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह प्रमुख रूप से हैं। इनमें मनीष सिसोदिया जेल संख्या एक, संजय सिंह जेल संख्या दो में बंद हैं।
आप के एक अन्य नेता तथा पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी इन दिनों तिहाड़ जेल संख्या सात में बंद हैं। इससे पूर्व वर्ष 2011 में टू जी स्पेक्ट्रम व राष्ट्रमंडल आयोजन से जुड़े मामले में तिहाड़ की जेलों में अलग अलग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े अनेक नेता कैद थे। इनमें अनेक ऐसे आरोपित भी थे, जो तत्कालीन संप्रग सरकार में मंत्री रह चुके थे। ऐसे लोगों में ए राजा, सुरेश कलमाडी का नाम प्रमुख तौर पर सामने आता है।
जेल संख्या छह में कभी कनिमोझी रह चुकी हैं बंद
जिस जेल संख्या छह में मंगलवार को के कविता पहुंची, उसी जेल संख्या छह में टू जी स्पेक्ट्रम मामले में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत के करुणानिधि की बेटी कनिमोझी भी बंद रह चुकी हैं।
जेल संख्या छह में अभी क्षमता से अधिक कैदी
दिल्ली में महिलाओं के लिए दो जेल हैं। इनमें एक में क्षमता से अधिक तो दूसरी में क्षमता से कम कैदी हैं। तिहाड़ परिसर की जेल संख्या छह की क्षमता 400 कैदियों की हैं, लेकिन अभी यहां करीब 564 महिलाएं हैं। दूसरी तरफ मंडोली जेल संख्या 16 की क्षमता 280 कैदियों की है, लेकिन अभी यहां करीब 140 कैदी ही हैं।
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