एलिवेटेड रोड और मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण ने क्यों बढ़ाई दिल्ली वालों की टेंशन?
दिल्ली में एलिवेटेड रोड और मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण से शहर की जल निकासी व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ड्रेनेज मास्टर प्लान के मसौदे में कहा गया है कि वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे ने नजफगढ़ बेसिन के प्रवाह को बदला है जिसका असर दिल्ली पर पड़ रहा है। एलिवेटेड रिंग रोड जैसी परियोजनाओं में जल निकासी नेटवर्क पर ध्यान देना होगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में यातायात जाम को कम करने के लिए डिजाइन किए गए एलिवेटेड रोड कारिडोर, मेट्रो कॉरिडोर शहर के जल निकासी नेटवर्क को प्रभावित कर रहे हैं। हाल ही में जारी किए गए ड्रेनेज मास्टर प्लान के मसौदे में इस ओर ध्यान दिलाया गया है कि भविष्य में एलिवेटेड कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं की प्लानिंग के समय शहर की जल निकासी व्यवस्था काे भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
ड्रेनेज मास्टर प्लान के मसाैदे में कहा गया है कि मौजूदा वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे ने नजफगढ़ बेसिन के भीतर प्रवाह पैटर्न को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। मसाैदे के अनुसार, परियोजना ने क्षेत्रीय जल प्रवाह को बदल दिया है, जिसका सीधा असर दिल्ली पर पड़ रहा है।
बता दें कि वेस्टर्न पेरिफेरल हरियाणा में 135 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड कॉरिडोर है, जिसका निर्माण मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजधानी में भारी यातायात को डायवर्ट करने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए किया गया है। इससे पहले बारापुला एलिवेडेड कॉरिडोर के पहले और दूसरे चरण के निर्माण के समय भी यह बात कही गई थी कि इससे नाले के अंदर बनने से जल निवासी व्यवस्था प्रभावित हाे सकती है।
दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने की पहल के तहत सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत 55 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रिंग रोड (महात्मा गांधी मार्ग) कॉरिडोरकी घोषणा की थी और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को एक विस्तृत परियोजना योजना तैयार करने का निर्देश दिया था।
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उधर, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) के मुख्य वैज्ञानिक एस. वेलमुरुगन ने कहा कि वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे हरियाणा में है और दिल्ली की वर्षा जल निकासी व्यवस्था को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं कर सकता है, लेकिन एलिवेटेड रिंग रोड जैसी परियोजनाओं के निर्माण के दौरान फ्लाईओवर के नीचे जल निकासी नेटवर्क के सभी मापदंडों पर विचार करना होगा।
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