दिल्ली में बिजली चोरी करने वाले सावधान, पकड़े जाने पर जाना होगा जेल; लगेगा भारी जुर्माना
दिल्ली के रोहिणी जिले में बिजली चोरी के दो मामलों में विशेष विद्युत अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। एक मामले में दोषी को तीन महीने की कैद और 13.78 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दोषी मंगोलपुरी में घरेलू उपयोग और ई-रिक्शा चार्जिंग के लिए अनाधिकृत रूप से बिजली का उपयोग कर रहा था। दूसरे मामले में मीटर से छेड़छाड़ के लिए जुर्माना लगाया गया है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। रोहिणी जिले की विशेष विद्युत अदालत ने बिजली चोरी के दो मामलों में 13.78 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने बिजली चोरी के एक मामले में दोषी को जुर्माना के साथ-साथ तीन महीने के कारावास की सजा भी दी है।
मंगोलपुरी में छापे के दौरान दोषी अनाधिकृत रूप से घरेलू उपभोग व ई-रिक्शाओं की चार्जिंग करता पाया गया था। विशेष विद्युत अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत कुमार इन दोनों मामलों की सुनवाई के बाद अपना फैसला दिया।
उत्तरी दिल्ली के उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने वाली पावर यूटिलिटी टाटा पावर-डीडीएल प्रवक्ता ने बताया कि शालीमार बाग में 31 जुलाई 2018 काे टाटा पावर-डीडीएल की एन्फोर्समेंट टीम ने बलराम नामक व्यक्ति के व्यवसायिक प्रतिष्ठान के निरीक्षण के दौरान बिजली चोरी करते हुए पाया।
ई-रिक्शों की चार्जिंग करता पाया गया
आरोपित के परिसर में ई-रिक्शाओं की अनधिकृत चार्जिंग की जा रही थी। कुल 18.045 किलोवाट (गैर-घरेलू) का कनेक्टेड लोड पाया गया और 13 लाख 56 हजार 945 की देनदारी तय की गई। विशेष विद्युत अदालत ने विद्युत अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत अभियुक्त को बिजली चोरी तथा मीटर के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया।
बिजली चोरी के एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने मुकेश कुमार नामक व्यक्ति को दोषी ठहराया और जुर्माना के साथ-साथ उसे तीन माह के कारावास की सजा भी दी गई।
प्रवक्ता ने बताया कि 21 फरवरी 2017 को टाटा पावर-डीडीएल की टीम ने उपभोक्ता मुकेश कुमार के परिसर में छापा मारा और अनाधिकृत रूप से घरेलू उपभोग के अलावा ई-रिक्शाओं की चार्जिंग के लिए बिजली चोरी का पता लगाया।
उपभोक्ता ने अपनी माता के नाम पर मीटर रजिस्टर करवाकर चोरी को छिपाने का प्रयास भी किया। अदालत ने मुकेश कुमार को टाटा पावर-डीडीएल की एलटी एबीसी तारों से बिजली चोरी का दोषी पाया और तीन माह के कारावास की सजा सुनाई। दोषी उपभोक्ता पर 13 हजार 78 हजार 702 की देनदारी तय की गई।
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