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    Delhi: बिजली विभाग ने रोकी डीडीयू कालेज की सप्लाई, 5 महीनों से नहीं किया था बिल का भुगतान

    By Manisha GargEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Tue, 28 Mar 2023 01:32 PM (IST)

    5 महीनों से बिजली के बिल का भुगतान नहीं कर पाने की सूरत में सोमवार को बीएसइएस ने अचानक डीडीयू कॉलेज की सप्लाई रोक दी जिससे कालेज परिसर में अंधेरा पसर गया। जानकारी के अनुसार थोड़े वक्त के बाद ही बिजली सप्लाई को फिर से शुरू कर दिया गया।

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    Delhi: बिजली विभाग ने रोकी डीडीयू कालेज की सप्लाई। फोटो सोर्स- फेसबुक।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आर्थिक तंगी से जूझ रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के द्वारका सेक्टर-3 स्थित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) कालेज की सोमवार को बीएसइएस विभाग ने अचानक बिजली सप्लाई रोक दी। जिससे कालेज में अंधेरा पसर गया। हालांकि, थोड़े वक्त के बाद ही बिजली सप्लाई को फिर से शुरू कर दिया गया।

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    दअसल, बीते पांच माह से कालेज प्रशासन ने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। कालेज प्रशासन की माने तो दिल्ली सरकार की ओर से खर्च के अनुरूप पर्याप्त बजट उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। न सिर्फ बिजली बल्कि कालेज का पानी का बिल भी बीते छह माह से भरा नहीं गया है और न ही प्रोफेसर्स व कर्मचारियों को उनका पूरा वेतन मिला है। इसको लेकर पिछले माह ही कालेज के टीचिंग व नान टीचिंग स्टाफ ने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया था। तीन दिन तक इस प्रदर्शन के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ था।

    पहले भी मिले है कई नोटिस

    बिल भुगतान में देरी यह पहली बार नहीं है बल्कि बीते करीब चार वर्षों से कालेज प्रशासन द्वारा कभी भी समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया है। इस पर कार्रवाई के ताैर पर बीएसइएस विभाग ने कालेज के गेट पर कई बार बिजली काटने का नोटिस चस्पा है। पर इस तरह की कार्रवाई बीएसइएस विभाग ने पहली बार की है। कालेज प्रशासन की माने तो बीएसइएस विभाग से इस बाबत बात की गई है और उन्होंने बिल भुगतान के लिए एक माह का वक्त दिया है। उधर, दिल्ली सरकार ने बिल भुगतान करने का आश्वासन दिया है। ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति उत्पन्न न हो।

    बजट की है कमी

    स्टाफ यूनियन के पदाधिकारियों का कहना हैं कि कालेज प्रशासन ने सरकार से इस वित्त वर्ष में 67 करोड़ रुपयों की मांग की थी। जिसमें समस्त कर्मचारियों का वेतन समेत कालेज के सभी खर्च भी शामिल है। पर जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से केवल 42 करोड़ रुपये ही उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका असर कर्मचारियों के वेतन के साथ बिजली व पानी के बिल पर नजर आ रहा है।