Delhi Election 2025: 'नहीं होगी जी हजूरी', टिकट कटने के बाद छलका AAP विधायक का दर्द; कविता लिख जताई नाराजगी
आप के टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। त्रिलोकपुरी विधायक रोहित मेहरौलिया टिकट कटने से नाराज हैं। उन्होंने पार्टी से अलग होने के संकेत दिए हैं। मेहरौलिया का कहना है कि उनकी टीम और समर्थक चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ें। वह उस सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं जहां से अरविंद केजरीवाल मैदान में हैं।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली।Delhi Vidhan Sabha Election 2025: आप के टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष की लकीर लंबी होती जा रही है। अब त्रिलोकपुरी विधायक राेहित मेहरौलिया टिकट कटने से नाराज हैं। न होगी जी हजूरी मुझसे...यह कविता एक्स पर पोस्ट कर कम शब्दों में नाराजगी की गहरी दास्तां उन्होंने बयां की है।
वह फिलहाल पार्टी का हिस्सा हैं, लेकिन चुनाव लड़ने का संकेत देकर पार्टी से अलग होने का इशारा करते दिख रहे हैं। रोहित मेहराैलिया (Rohit Mehraulia) का कहना है कि उनकी टीम व समर्थक चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ें।
उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी टीम चाहती है कि वह उस सीट से चुनाव लड़ें, जिससे आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मैदान में उतरें।
2020 में मेहरौलिया को त्रिलोकपुरी विधानसभा क्षेत्र से मिला था टिकट
रोहित मेहरौलिया आप के टिकट पर चुनाव लड़कर वर्ष 2017 में त्रिलोकपुरी वार्ड के पार्षद निर्वाचित हुए थे। उन्होंने उस वक्त कांग्रेस से मैदान में उतरीं अंजना पारचा को चुनाव हराया था। पार्षद के कार्यकाल के बीच ही वर्ष 2020 में मेहरौलिया को त्रिलोकपुरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिल गया था।
वह जीते और विधायक बन गए। इसी बीच अंजना न कांग्रेस छोड़ आप का दामन थाम लिया था। अब आप न मेहरौलिया की टिकट काटकर अंजना पारचा को इसी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया है।
रोहित मेहरौलिया ।आर्काइव
इसे लेकर मेहरौलिया का कहना है कि टिकट बंटवारे में आप ने उनको नजरअंदाज किया है। वह सच्चे सिपाही के तौर पर पार्टी के लिए काम करते रहे हैं। अन्ना आंदोलन के दिनों से लेकर पार्टी के बनने और उसके बाद हर कदम पर आप की नीतियों से काम किया।
15 साल पुरानी म्यूजिक टीचर की नौकरी छोड़ कर पार्टी को खड़ा करने में याेगदान दिया। अब पार्टी ने उनको उम्मीदवार बनाया है, जिन्हें मैंने वर्ष 2017 में निगम चुनाव में हराया था। वह कांग्रेस से करीब साढ़े तीन साल पहले आई हैं। इतने वक्त में पार्टी की गतिविधियों में उनकी कोई भागीदारी नहीं रही, फिर भी उनको तवज्जो दी गई।
पार्टी को टिकट किसी और को देना ही था तो पुराने कार्यकर्ताओं में से किसी को देते। मेहरौलियां ने पार्टी की नीति पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए कहा कि उन्ही नहीं, पार्टी ने कई पुराने साथियों को किनारे किया है, जो ठीक नहीं है। इसका खामियाजा पार्टी को आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा।
मेहरौलिया का कहना है कि टिकट कटने के बाद राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने उन्हें बुलाया था। वह उनके पास गए और अपनी बात रख कर आए हैं। मेरी टीम व समर्थक चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं। मेरी टीम ही तय करेगी कि मुझे क्या करना चाहिए।
टीम की इच्छा है, जहां से अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) चुनाव लड़ें, वहीं से मैं मदान में उतरूं। बता दें कि असंतोष के स्वर इससे पहल घोंडा और रोहतास नगर विधानसभा क्षेत्र में उठ चुके हैं। तिमारपुर में तो कार्यकर्ता इस्तीफा तक दे चुके हैं।
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