Delhi News: द्वारका के 2000 फ्लैटों में 7 दिनों से हो रही दूषित पानी की सप्लाई, जल बोर्ड से नहीं हो रहा समाधान
पश्चिमी दिल्ली के सेक्टर 19 और 11 की सोसाइटियों में दूषित जलापूर्ति से लोग परेशान हैं। शिकायत के बावजूद समाधान नहीं होने पर आरडब्ल्यूए ने क्लोरीन की गोलियां बांटी। अक्षरधाम अपार्टमेंट रॉयल ग्रीन अपार्टमेंट और व्यास कुंज सोसाइटी प्रभावित हैं। जल बोर्ड निगम और डीडीए जिम्मेदारी से बच रहे हैं। निवासियों का कहना है कि समस्या के प्रति जल बोर्ड उदासीन है तत्काल समाधान की आवश्यकता है।

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली की सांसद कमलजीत सहरावत के अंबरहाई स्थित निवास से करीब दो किलोमीटर से भी कम की दूरी पर तीन तीन अलग सोसाइटियों के दो हजार फ्लैटों में रहने वाले लोग दूषित जलापूर्ति की समस्या से जूझ रहे हैं।
समस्या से मुख्यमंत्री कार्यालय, दिल्ली जल बोर्ड, विधायक सभी को अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ। समाधान न होता देख एक सोसाइटी की आरडब्ल्यूए ने तो यहां के लोगों को क्लोरीन की गोली बांटनी शुरू कर दी, ताकि वे जल बोर्ड के पानी में इसे डालकर कुछ हद तक पानी को इस्तेमाल के लायक बना सकें।
उधर जल बोर्ड इस मामले को कितने गंभीरता से ले रहा है, इसे आप इस तथ्य से समझें कि समाधान के लिए जल बोर्ड क्या प्रयास कर रहा है, यह जानने के लिए जब जल बोर्ड के सहायक अभियंता को फोन किया गया, तो उन्होंने न फोन उठाया और न ही लिखित संदेश का उत्तर दिया।
हालांकि क्षेत्र के विधायक संदीप सहरावत ने कहा कि यह समस्या संज्ञान में है और समाधान को लेकर हमलोग प्रयासरत हैं। क्षेत्र के मुख्य नाले के ओवरफ्लो होने के कारण यह समस्या आ रही है, जिसे दूर किया जा रहा है।
तीन सोसाइटी में समस्या, तीनों एक ही यूजीआर से जुड़े
दूषित जलापूर्ति की यह समस्या तीन सोसाइटी में कायम है। इसमें सेक्टर 19 स्थित अक्षरधाम अपार्टमेंट, सेक्टर 11 पाकेट तीन स्थित रायल ग्रीन अपार्टमेंट व पाकेट दो स्थित व्यास कुंज सोसाइटी शामिल है। तीनों सोसाइटियाें में जिस यूजीआर (भूमिगत जलाशय) से जलापूर्ति होती है।
वह अक्षरधाम अपार्टमेंट में बनी है। अब समस्या तीनों सोसाइटियों में है। इससे पता चलता है कि यूजीआर से सोसाइटियों को जाने वाली पाइपलाइन में कहीं रिसाव हो रहा है। यह रिसाव कहां हो रहा है, इसका किसी को कुछ नहीं पता है।
समस्या एक, विभाग तीन, तीनों झाड़ रहे पल्ला
अक्षरधाम अपार्टमेंट के लोगों ने बताया कि समस्या भले ही दूषित जलापूर्ति की है, लेकिन समाधान के लिए जल बोर्ड, निगम पर और निगम डीडीए के पाले में गेंद डाल रहा है। इस बीच लोग समस्या में गेंद बनकर रह गए हैं।
आखिर ऐसा क्यों है, इस पर लोगों का कहना है कि पानी की लाइन कई इंटरसेक्शन पर नालियों के बीच से गुजरती है। नालियां ओवरफ्लो है। नालियों की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है। अक्षरधाम सोसाइटी की नाली मुख्य सड़क के किनारे बने नाले से जुड़ी है।
नाला भरा है, जिस कारण नाला का पानी सोसाइटी की नालियों में बैक मारता है। इससे बचने के लिए कई जगह नालियों को बंद कर दिया गया है। इससे बाहर का पानी तो आना बंद हो गया है, लेकिन सोसाइटी के अंदर की नालियां ओवरफ्लो होने लगी है। नाले की सफाई की जिम्मेदारी डीडीए की है।
ढाई दशक पुरानी पाइपलाइन
सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने बताया कि तीनों साेसाइटी की बसावट करीब ढाई दशक पहले हुई थी। तभी यहां जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन डाली गई थी। तब से नालों की देखरेख के लिए कुछ नहीं किया गया। पानी की पाइपलाइन जब यहां डाली गई थी।
जब बसावट उतनी नहीं थी, लेकिन समय के साथ फ्लैट आबाद होते चले गए। अक्षरधाम अपार्टमेंट में विस्तार योग्य फ्लैट में कई मंजिल उपर तक इमारत पहुंच गई। लेकिन पानी की लाइन वही पुरानी रही।
समस्या के समाधान के नाम पर अभी तक केवल यह हुआ कि जल बोर्ड, निगम और निगम डीडीए को दोषी ठहरा रही है। हमें समाधान के नाम पर केवल दूसरों की जिम्मेदारी बताई जा रही है।
रमनीक रीना, प्रेसिडेंट, अक्षरधाम अपार्टमेंट आरडब्ल्यूए
पानी से तेज बदबू निकलती है। यह पानी पीना तो दूर नहाने के भी योग्य नहीं है। लोग कैसे गुजारा कर रहे हैं, यह लोग ही जानते हैं। लेकिन जल बोर्ड के रवैये से लग रहा है कि उसे हमारी समस्याओं से कोई मतलब नहीं है।
दुर्गावती, अक्षरधाम अपार्टमेंट
दूषित जलापूर्ति की समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए। पानी मूलभूत जरुरत है। पीने के लिए तो आदमी किसी तरह पानी खरीद लेता है, लेकिन रोजमर्रा की भी तो जरुरतें हैं।
मनोज यादव, रायल ग्रीन अपार्टमेंट
समस्या से जल बोर्ड के सभी वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन समाधान नहीं हुआ। क्या यह समस्या इतनी विकराल है कि जल बोर्ड दूर नहीं कर पा रहा है। सवाल इच्छाशक्ति का है, जिसका अभाव है।
रोहित ओबेराय, रायल ग्रीन अपार्टमेंट
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