Delhi Dog Attack: पार्क में कुत्तों की समस्या पर पुलिस ने DDA को लिखी चिट्ठी, पूछे कई गंभीर सवाल
DDA Park Safety पश्चिमी दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के बीच मोतीनगर थाना प्रभारी ने डीडीए को पत्र लिखकर शिवाजी पार्क में एक व्यक्ति की कुत्ते के काटने से हुई मौत पर चिंता जताई है। पत्र में पार्क की सुरक्षा आवारा कुत्तों पर नियंत्रण सीसीटीवी कैमरों की स्थापना और सुरक्षा इंतजामों को लेकर जानकारी मांगी गई है।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ रही घटनाओं के बीच मोतीनगर थाना प्रभारी ने क्षेत्र के एक पार्क में कुत्ते के काटने से एक व्यक्ति की हुई मौत की हालिया घटना का जिक्र करते हुए डीडीए के उद्यान विभाग को पत्र लिखा है।
पत्र में इस घटना पर चिंता प्रकट करते हुए डीडीए उद्यान विभाग से यह पूछा गया है कि पार्क की सुरक्षा व आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए क्या क्या उपाय किए जा रहे हैं।
चार जुलाई को लिखे गए इस पत्र में बताया कि गया है कि नजफगढ़ मेन रोड पर शिवाजी पार्क के नजदीक स्थित डीडीए पार्क में आवारा कुत्ते के काटे जाने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
पत्र में पार्क में सुरक्षा व्यवस्था, सुरक्षा इंतजामों को लेकर डीडीए के प्रोटोकाल, आवारा कुत्तों की उपस्थिति पर नियंत्रण और सीसीटीवी कैमरों की स्थापना व रख-रखाव जैसे मुद्दों पर विस्तृत जानकारी मांगी गई है।
पत्र में डीडीए से यह भी पूछा गया है कि क्या शिवाजी मार्ग स्थित पार्क में आने वाले आगंतुकों की सुरक्षा के लिए किसी सुरक्षा एजेंसी को नियुक्त किया गया है।
यदि हां, तो क्या डीडीए और उस एजेंसी के बीच कोई औपचारिक समझौता हुआ है। यह भी पूछा कि क्या डीडीए के मानक प्रोटोकाल के तहत आवारा कुत्तों से उत्पन्न खतरों को रोकने की जिम्मेदारी किसी विशेष अधिकारी को सौंपी गई है। क्या पार्क की निगरानी व संचालन के लिए कोई विशेष अधिकारी नियुक्त है।
पत्र में विशेष रूप से पार्क में सीसीटीवी कैमरों की स्थिति पर भी सवाल उठाए गए हैं, क्योंकि ये निगरानी के लिए महत्वपूर्ण हैं और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक हो सकते हैं। थाना प्रभारी ने डीडीए से इस मामले में त्वरित कार्रवाई और शीघ्र जवाब देने की अपील की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पार्क ही नहीं अन्य जगहों पर भी इस तरह की समस्या
मोतीनगर के लोगों का कहना है कि इस तरह की समस्या केवल पार्क में हो, यह बात नहीं है। पार्कों के अलावा भी जगह जगह आपको कुत्तों की समस्या देखने को मिलेगी।
मोतीनगर सुदर्शन पार्क निवासी धर्मेंद्र इस बात पर आश्चर्य करते हैं कि एक तरफ निगम कुत्तों की नसबंदी को लेकर बड़े बड़े दावे करता है, लेकिन इसका असर आपको कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा।
हकीकत यह है कि इनकी संख्या घटने के बजाय बढ़ रही है। आखिर यह कैसे संभव है। यानि निगम अपना काम सही तरीके से नहीं कर रही है। दूसरे स्तर पर देखें तो आपको जगह जगह ऐसे लोग मिलेंगे जो कुत्तों के खानपान का इंतजाम करते हैं।
कुत्तों का स्वभाव भी आक्रामक होता जा रहा है, आखिर इनके स्वभाव में यह परिवर्तन क्यों हो रहा है, इसका पता लगाकर समस्या का निराकरण किया जाना चाहिए।
कुत्ते अंजान लोगों को देखते हुए आक्रामक हो रहे हैं। ऐसे लोग जो क्षेत्र के लिए नए हैं, वे रात को अपने घर पहुंचने से भी कतराते हैं। क्योंकि गली में उनके दाखिल होते ही कुत्ते ऐसे लोगों को काटने के लिए दौड़ते हैं।
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