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    Delhi Crime: दिल्ली में धोखाधड़ी कर 22 साल से था फरार, बदलता रहा छिपने के ठिकाने, अब हुआ पंजाब से गिरफ्तार

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 19 Sep 2022 10:46 AM (IST)

    Delhi Crime बाहरी जिला के पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि नांगलोई थाना में तैनात पुलिस टीम भगोड़ा आरोपितों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी करती है। पुलिस टीम को पता चला कि आइजीआइ एयरपोर्ट में वर्ष 1994 में रोशन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।

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    Delhi Crime: नांगलोई थाना पुलिस ने आरोपित को आइजीआइ एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया है।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Crime: नांगलोई थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में भगोड़ा आरोपित को 22 वर्ष बाद गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपित को कपूरथला, पंजाब से गिरफ्तार किया है। आरोपित के खिलाफ आइजीआइ एयरपोर्ट थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। नांगलोई थाना पुलिस ने आरोपित को आइजीआइ एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। गिरफ्तार आरोपित का नाम रोशन सिंह है।

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    बाहरी जिला के पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि नांगलोई थाना में तैनात पुलिस टीम भगोड़ा आरोपितों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी करती है। पुलिस टीम को पता चला कि आइजीआइ एयरपोर्ट में वर्ष 1994 में रोशन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था।

    साल 2000 में पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपित को भगोड़ा करार दिया था। उसके बाद से पुलिस लगातार उसे गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही थी। 16 सितंबर को एक सूचना पर थाना प्रभारी प्रभु दयाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कपूरथला के भानुलंगा गांव में दबिश देकर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।

    आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट का इन्कार

    दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपित एवं आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन से जुड़े तीन मामलों में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। ताहिर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने कहा कि इन मामलों की प्राथमिकियों में तथ्यात्मक स्थिति को लेकर प्रतिवादी के उत्तर के आलोक में आगे आवेदन पर विचार किया जाएगा।

    इस मामले में अगली सुनवाई 25 जनवरी 2023 को होगी।उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे के दौरान दंगाइयों ने 24 फरवरी 2020 को खजूरी खास थाना क्षेत्र में मुख्य करावल नगर रोड पर पार्किंग जला दी थी। उसमें खड़े वाहन जल गए थे। पार्किंग के ऊपर शादी के टेंट को तहस-नहस कर दिया था, वहां से एक व्यक्ति से नकदी लूटी गई थी। आरोप था कि ताहिर हुसैन के घर की छत से दंगाइयों ने पेट्रोल बम फेंके।

    इससे सटे दयालपुर थाना क्षेत्र में 25 फरवरी 2020 को अजय और प्रिंस बंसल नामक व्यक्ति दंगाइयों की गोली लगने से घायल हो गए थे। इन तीनों मामलों में ताहिर हुसैन समेत अन्य लोगों आरोपित हैं। इन तीनों मामलों की प्राथमिकियां रद करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। साथ ही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। उसकी तरफ से याचिका में कहा गया था कि एक समान आरोप के लिए तीन अलग-अलग प्राथमिकी पंजीकृत की गई हैं।

    यह भी गुहार लगाई थी कि इन तीनों घटनाओं की जांच को दंगे साजिश को लेकर चल रहे मामले में जोड़ दिया जाए, जिसकी जांच स्पेशल सेल कर रही है। इस अर्जी पर न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने अभियोजन पक्ष व राज्य को जवाब दाखिल करने का मौका दिया है। साथ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने का निर्देश जारी करने से इन्कार कर दिया है। दंगे के मामलों में ताहिर हुसैन दो वर्ष से ज्यादा वक्त से न्यायिक हिरासत में है। दंगे में नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी उसे निलंबित कर चुकी है।