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    दिल्ली में फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी से भारतीयों और नेपालियों के 148 पासपोर्ट बरामद, सरगना गिरफ्तार

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 11:07 AM (IST)

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने फर्जी मैनपावर एजेंसी चलाने वाले इमरान खान को गिरफ्तार किया है। आरोपी आईके मैनपावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एजेंसी चला रहा था जिसके पास विदेश मंत्रालय या श्रम मंत्रालय से कोई वैध पंजीकरण नहीं था। पुलिस ने 148 पासपोर्ट और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। इमरान सोशल मीडिया के माध्यम से खाड़ी देशों में नौकरी का झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठता था।

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    दिल्ली पुलिस ने एक शिकायत मिलने की बाद की कार्रवाई।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ISC टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए फर्जी भर्ती एजेंसी चलाने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है।

    पकड़ा गया आरोपी इमरान खान उत्तम नगर के मटियाला गांव का रहने वाला है। इमरान आईके मैनपावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्जी भर्ती एजेंसी चल रहा था।

    इस एजेंसी का कोई वैध पंजीकरण विदेश मंत्रालय या श्रम मंत्रालय से नहीं था। पुलिस ने छापेमारी में 148 पासपोर्ट (145 भारतीय और 3 नेपाली नागरिकों के) बरामद किए हैं।

    साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य सबूत भी जब्त किए गए। एजेंसी का ऑफिस नांगली जलीब, जनकपुरी ईस्ट मेट्रो स्टेशन के पास से संचालित हो रहा था।

    आरोपी के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12, प्रवासन अधिनियम 1983 की धारा 24 और आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    यह कार्रवाई एक पीड़िता की शिकायत से शुरू हुई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि इमरान खान ने उसे विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 75,000 रुपये की ठगी की। उसे कुवैत भेजा गया, जहां वह फंस गई। बाद में भारतीय दूतावास की मदद से उसकी भारत वापसी संभव हो सकी।

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    शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम सक्रिय हुई। एसीपी रमेश लाम्बा की देखरेख में इंस्पेक्टर सतेंद्र पूनिया और इंस्पेक्टर सोहनलाल के नेतृत्व में टीम गठित की गई।

    इस टीम में एसआई नीरज, राकेश, राकेश शर्मा, संजय और एचसी अशोक, रविंद्र, विक्रम, दलवीर सहित कॉन्स्टेबल रवि और अंकित शामिल थे।

    त्वरित कार्रवाई करते हुए एजेंसी के दफ्तर पर छापा मारा गया और इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया। उस समय उसके साथ नौ टेली-कॉलर भी काम कर रहे थे।

    पूछताछ में इमरान ने खुलासा किया कि वह सोशल मीडिया और ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिये खाड़ी देशों सऊदी अरब, यूएई, कतर, कुवैत, बहरीन, ओमान, ईरान और इराक में नौकरी का झांसा देता था।

    इच्छुक लोग फोन पर संपर्क करते थे, जहां उसके नियुक्त टेली-कॉलर उन्हें बातों में फंसाकर पैसे ऐंठते थे। पासपोर्ट जमा करवाने के बाद उन्हें अवैध तरीके से विदेश भेजा जाता था।

    इमरान खान ने बीएससी तक पढ़ाई की है। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाला वह धीरे-धीरे गलत संगत में पड़ा और फिर धोखाधड़ी के धंधे में उतर आया। इसी सिलसिले में उसने यह फर्जी एजेंसी शुरू की।

    क्राइम ब्रांच का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है। बरामद पासपोर्टों के असली धारकों की पहचान की जा रही है।

    डीसीपी (क्राइम ब्रांच) आदित्य गौतम ने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है तथा ठगी की रकम का किस तरह इस्तेमाल किया गया।

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