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    AAP नेता सौरभ भारद्वाज को कोर्ट से बड़ी राहत, BJP नेता की मांग ठुकराई; जानें क्या है पूरा मामला

    By Agency Edited By: Sonu Suman
    Updated: Sat, 29 Mar 2025 05:55 PM (IST)

    दिल्ली की अदालत ने बीजेपी नेता सूरज भान चौहान की मांग को ठुकरा दिया है। यह मामला सितंबर 2018 में भारद्वाज द्वारा चौहान के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने चौहान की याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें उनकी शिकायत को अस्वीकार कर दिया गया था।

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    दिल्ली की अदालत से सौरभ भारद्वाज को मिली राहत।

    पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता सूरज भान चौहान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज के खिलाफ कथित मानहानि के लिए मुकदमा चलाने की मांग की थी। 

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    यह मामला सितंबर 2018 में भारद्वाज द्वारा चौहान के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने चौहान की याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें उनकी शिकायत को अस्वीकार कर दिया गया था।

    भारद्वाज पर चौहान के खिलाफ झूठ बोलने का आरोप

    चौहान ने आरोप लगाया था कि सौरभ भारद्वाज ने 2018 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में झूठा दावा किया था कि उनके खिलाफ एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। बीजेपी नेता ने इस बयान को मानहानिकारक बताते हुए दिसंबर 2024 में राउज एवेन्यू कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी। 

    मानहानि के मामले को तीन साल के भीतर करना होता है दायर

    हालांकि, मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 19 फरवरी को उनकी याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि मानहानि का कथित अपराध सितंबर 2018 में हुआ था और इस तरह के मामले में शिकायत दर्ज करने की समय सीमा तीन साल होती है। मजिस्ट्रेट ने कहा था कि चौहान द्वारा देरी को माफ करने के लिए दिए गए कोई भी आधार उचित नहीं पाए गए।

    शिकायतकर्ता देर दायर करने के माफी के हकदार नहीं: कोर्ट

    मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "शिकायतकर्ता इस शिकायत को देर से दायर करने की माफी के हकदार नहीं हैं। इसलिए, यह आवेदन खारिज किया जाता है।" इसके खिलाफ चौहान ने ऊपरी अदालत में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसे विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शनिवार को खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने कहा, "आपराधिक पुनरीक्षण याचिका खारिज की जाती है।"

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