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    उपराज्यपाल के फैसले के खिलाफ उतरीं दिल्ली की जिला अदालतें, विरोध में दो दिन बंद रखेंगे कामकाज

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 08:53 PM (IST)

    दिल्ली की जिला अदालत बार एसोसिएशन समन्वय समिति ने 22 और 23 अगस्त को हड़ताल का ऐलान किया है। यह फैसला उपराज्यपाल द्वारा जारी एक अधिसूचना के विरोध में लिया गया है जिसमें पुलिसकर्मियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की अनुमति दी गई है। समिति ने सरकार से अधिसूचना वापस लेने की मांग की है अन्यथा सख्त विरोध की चेतावनी दी है।

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    उपराज्यपाल की अधिसूचना के विरोध में जिला अदालतों में हड़ताल।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी की सभी जिला अदालत बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति ने 22 और 23 अगस्त को हड़ताल करने का एलान किया है। इस दौरान वकील कामकाज से दूर रहेंगे और न तो अदालत में शारीरिक रूप से और न ही वर्चुअल माध्यम से पेश होंगे।

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    समिति ने यह फैसला बृहस्पतिवार को पटियाला हाउस कोर्ट स्थित कार्यालय में हुई आपात बैठक में सर्वसम्मति से लिया। समिति ने कहा कि 13 अगस्त को उपराज्यपाल की ओर से जारी अधिसूचना असंवैधानिक और मनमानी है।

    इस अधिसूचना के तहत पुलिसकर्मियों को थाने से ही वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत में गवाही देने और बयान दर्ज कराने की अनुमति दी गई है। समिति अध्यक्ष वीके सिंह ने बताया कि यह अधिसूचना केंद्र सरकार के गृह सचिव द्वारा 15 जुलाई 2024 को जारी परिपत्र के बिल्कुल विपरीत है।

    इसी आधार पर समिति ने 20 अगस्त को उपराज्यपाल, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री और दिल्ली के गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपकर अधिसूचना वापस लेने की मांग की थी।

    उन्होंने कहा कि समिति ने चेतावनी दी थी कि यदि दो दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो सख्त विरोध होगा। चूंकि सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया, इसलिए अब दो दिन की हड़ताल की जाएगी। समिति ने साफ कहा है कि जो वकील इस निर्णय का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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