11 साल पहले के चाणक्यपुरी क्लब हमले में अदालत ने चार आरोपितों को किया बरी, गवाह मुकर गए बयान से
दिल्ली की एक अदालत ने चाणक्यपुरी के एक क्लब में 2014 में एक जोड़े पर हुए हमले के मामले में चार आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि गवाह अपने बयानों से मुकर गए और आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी। सबूतों की कमी के कारण संदेह के लाभ पर आरोपितों को बरी कर दिया गया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित एक प्राइवेट क्लब में वर्ष 2014 में एक जोड़े पर हमले के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने चार आरोपितों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि मामले के सभी महत्वपूर्ण गवाह अपने पहले के बयानों से मुकर गए और किसी ने भी आरोपितों की पहचान नहीं की।
चारों आरोपितों को संदेह का लाभ
पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किरण गुप्ता ने कहा कि केवल एक आरोपित सनी शर्मा को मौके से पकड़ लेना पर्याप्त प्रमाण नहीं है कि वही दोषी है। अन्य तीन आरोपितों कृष्ण, मनीष डेडा और नरेंद्र की पहचान किसी भी गवाह ने नहीं की और सीसीटीवी फुटेज भी कोर्ट में नहीं चलाई गई। कोर्ट ने सुबूतों के अभाव में चारों आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है।
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मंगेतर कनिका ने रोकने की कोशिश की
आरोपितों पर घर में घुसपैठ, हत्या का प्रयास और आपराधिक धमकी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज था। बाद में महिला की गरिमा भंग करने की कोशिश की धाराएं भी जोड़ी गई थीं।
शिकायतकर्ता पंकज अरोड़ा ने आरोप लगाया था कि दो और तीन मई 2014 की रात आरोपियों ने क्लब में घुसकर बीयर की बोतल से उनके सिर पर वार किया और जब उनकी मंगेतर कनिका ने रोकने की कोशिश की, तो उसे भी पीटा गया।
हालांकि, कोर्ट ने पाया कि कनिका ने अपने शुरुआती बयान में किसी भी आरोपित पर छेड़छाड़ या अभद्र भाषा इस्तेमाल करने का आरोप नहीं लगाया। साथ ही, उन्होंने माना कि क्लब के अंदर अंधेरा होने के कारण वह किसी को पहचान नहीं सकीं।
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