पुलिस में भ्रष्टाचार से समाज में बढ़ती है अन्याय की धारणा, रिश्वत लेने के आरोपित हवलदार को जमानत से इनकार
दिल्ली हाई कोर्ट ने रिश्वत मांगने के आरोपित हवलदार देवेंद्र कुमार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चिंता जताई और कहा कि इससे जनता में अन्याय की भावना बढ़ती है। हवलदार पर एक बदमाश को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत लेने का आरोप है। अदालत ने भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। पांच लाख रुपये की मांग करने वाले हवलदार की को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
अदालत ने कहा कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार की खबरें अन्याय की धारणा को बढ़ावा देती हैं और न्यायपालिका व कार्यपालिका को इसे जड़ से उखाड़ने के लिए ताकत लगानी चाहिए।
अदालत ने कहा कि उच्च पदस्थ व्यक्तियों की ओर से भ्रष्टाचार के कारण समाज में व्यवस्था के प्रति निराशावाद पैदा हो जाता है। इस टिप्पणी के साथ अदालत ने आरोपित हवलदार देवेंद्र कुमार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
देवेंद्र पर पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप है। आरोप है कि याचिकाकर्ता ने कालू नाम के एक बदमाश व्यक्ति को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उससे 60 हजार रुपये की रिश्वत ली थी।
आरोप लगाया गया कि पुलिसकर्मी ने रिश्वत की रकम खुद नहीं ली और उसने कालू को उसे एक अन्य हवलदार को सौंपने का निर्देश दिया। यह भी आरोप है कि हवलदार सड़क पर कालू से मिला नोट लेकर भाग गया।
अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस के कई अधिकारी पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ व्यक्तिगत जोखिम उठाकर काम करते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार की छाया पुलिस व्यवस्था ग्रस्त करती रहती है। इससे जनता का विश्वास कम होता है।
अदालत ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में सामान्य मानदंडों के आधार पर अग्रिम जमानत देना सुरक्षित नहीं होगा क्योंकि अभियुक्त एक पुलिसकर्मी है और उस पर इलाके के बदनाम को धमकाकर रिश्वत की मांग करने का आरोप है।
आरोपित पुलिसकर्मी ने यह सुनिश्चित किया कि रिश्वत की रकम सह-अभियुक्तों को सौंप दी जाए ताकि वह फंस न जाए। उक्त तथ्यों को देखते हुए आरोपित याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देना उचित नहीं लगता और अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है।
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