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    चार अगस्त से शुरू हो रहा दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र, फीस वृद्धि नियंत्रण बिल और CAG रिपोर्ट की जाएगी पेश

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 10:26 PM (IST)

    दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र 4 अगस्त से शुरू होगा जिसमें निजी स्कूलों की फीस वृद्धि और कैग रिपोर्ट जैसे मुद्दे उठेंगे। शीश महल और मोहल्ला क्लीनिक से संबंधित कैग रिपोर्ट पर हंगामे की संभावना है। विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार सत्र ई-विधानसभा के तहत चलेगा। विपक्ष ने सत्तापक्ष पर आवाज दबाने का आरोप लगाया है।

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    दिल्ली विधानसभा सत्र चार अगस्त से शुरू होने जा रहा है।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र चार अगस्त से शुरू हाेने जा रहा है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कैबिनेट के प्रस्ताव काे मंजूरी दे दी है। सत्र में सरकार की ओर से स्कूलों की फीस वृद्धि को नियंत्रित करने वाला विधेयक पेश किया जा सकता है।

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    वहीं, लंबित कैग रिपोर्ट भी सदन में पेश होने की पूरी संभावना है। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास रहे शीश महल और मोहल्ला क्लीनिक से संबंधित रिपोर्ट आदि शामिल है। रिपोर्ट में उठाए गए सवालों पर सत्तापक्ष के सदस्य विपक्ष पर हमला बोल सकते हैं।

    इसमें खासकर शीशमहल पहले से ही विवादों में रहा है। इस बंगले के नवीनीकरण में कई तरह की अनियमितताओं का आरोप है, यह बंगला उस समय तैयार किया गया जब आप की सरकार थी और अरविंद केजरीवाल इसमें रह रहे थे। 

    ई-विधानसभा की व्यवस्था के चलेगा सत्र

    विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के अनुसार माससून सत्र पांच दिनों तक चलेगा और सदन ई-विधानसभा की व्यवस्थाओं के तहत चलेगा जो पूरी तरह कागज रहित होगा।

    विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने कहा है कि आप सरकार के समय ई-विधानसभा का जो काम 10 साल में भी नहीं हो सका है उसे उन्होंने घोषणा के 100 दिन में और काम शुरू होने के डेढ़ माह में ही पूरा करा दिया है जो एक ऐतिहासिक कदम है।

    यहां बता दें कि विधानसभा को ई-विधानसभा में परिवर्तित करने के लिए राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) का काम लगातार प्रगति पर है और आगामी मानसून सत्र से पहले इसके पूरा होने की उम्मीद है।

    इससे विधायी कार्यों के डिजिटलीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे सदन की कार्यवाही और विधायी दस्तावेजों तक निर्बाध डिजिटल पहुंच संभव होगी। इस सत्र में सरकार द्वारा प्रमुख विधेयक और नीतियां पेश किए जाने की संभावना है।

    भाजपा और आप विधायकों में हो सकती है बहस

    सत्र में दिल्ली स्कूल शिक्षा पारदर्शिता शुल्क निर्धारण एवं विनियमन विधेयक, 2025 भी विधानसभा में पेश किया जाएगा और इस पर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी आप के बीच तीखी बहस हो सकती है।

    गत 29 अप्रैल को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित अध्यादेश के अनुसार मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के लिए कड़े दंड का प्रविधान है।

    जिसमें शुल्क संशोधन का प्रस्ताव देने का अधिकार भी शामिल है। सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक अभय वर्मा ने कहा कि हम सदन में सरकार की उपलब्धियों को सामने लाएंगे और जन कल्याण से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।

    विपक्ष भी सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी में है

    उधर, आगामी विधानसभा सत्र को लेकर विपक्ष भी सत्तापक्ष को घेरने की तैयारी में है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सत्तापक्ष पर विपक्षी विधायकों की आवाज दबाने का आरोप लगाया है।

    आतिशी ने एक्स पर पोस्ट में कहा है कि भाजपा की सरकार ने छह महीने में दिल्ली का बुरा हाल कर दिया है। उनके अनुसार भाजपा सरकार पावर कट, स्कूल फीस का बढ़ाना, गरीबों के घर तोड़ने के साथ मध्यवर्गीय लोगों के वाहनों को सड़क से उठवाने के काम किए हैं।

    इसलिए भाजपा सवालों से बचना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र में उनके विधायकों को प्रश्न पूछने के लिए समय नहीं दिया जाता है।

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