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    Delhi News: सार्वजनिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए 1400 करोड़ के सीएम विकास कोष को दिल्ली कैबिनेट ने दी मंजूरी

    Updated: Thu, 15 May 2025 11:17 PM (IST)

    दिल्ली कैबिनेट ने सार्वजनिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए 1400 करोड़ रुपये के मुख्यमंत्री विकास कोष की स्थापना को मंजूरी दी है। इस कोष से धोबीघाट स्कूलों अस्पतालों में शौचालय पार्क और खेल परिसरों का नवीनीकरण जैसे कार्य किए जाएंगे। परियोजना की अधिकतम लागत 10 करोड़ होगी।

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    सीएम विकास कोष को दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी मिली।

    राज्य ब्यूरो, जागरण . नई दिल्ली: दिल्ली कैबिनेट ने शहर के बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1,400 करोड़ रुपये के कोष के साथ मुख्यमंत्री विकास कोष (सीएमडीएफ) की स्थापना को मंजूरी दे दी है।

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    इसके तहत स्वीकृत किसी परियोजना की अधिकतम लागत करीब 10 करोड़ रुपये होगी। अधिकारियों के अनुसार, अपवाद की स्थिति में मुख्यमंत्री सीमा बढ़ा सकती हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योजना विभाग ने सीएम विकास कोष के उपयोग के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

    मुख्यमंत्री विकास कोष से इन कार्यों को किया जाएगा 

    एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, स्थानीय जरूरतों के लिए विकास कार्य और सामुदायिक परियोजनाएं जैसे धोबीघाट निर्माण, स्कूलों, अस्पतालों, झुग्गी बस्तियों में शौचालय ब्लॉक, सार्वजनिक पार्क और खेल परिसरों में नवीनीकरण को प्राथमिकता दी जाएगी।

    अन्य ऐसे कार्य और वाॅटर कूलर, सामुदायिक हाल, स्ट्रीट लाइट जैसी सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण और नवीनीकरण भी इस कोष से किया जाएगा। यह नालियों, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सड़कों, फुटपाथ, साइकिल ट्रैक जैसी नागरिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी वित्तपोषित करेगा।

    जरूरतों और निर्देशों के आधार पर प्रस्ताव तैयार करेंगे

    दस्तावेज में कहा गया है कि संबंधित विभाग मुख्यमंत्री की जरूरतों और निर्देशों के आधार पर प्रस्ताव तैयार करेंगे। योजना विभाग ऐसे सभी प्रस्तावों की उचित जांच के बाद उन्हें मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए प्रस्तुत करेगा।

    मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद, योजना विभाग संबंधित विभागों को अनुमान तैयार करने और निष्पादन एजेंसी को नियुक्त करने के लिए कहेगा। अनुमानों की जांच के बाद, योजना विभाग प्रस्तावित विकास परियोजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति और व्यय मंजूरी जारी करेगा।

    10 करोड़ या उससे अधिक की परियोजनाओं का होगा ऑडिट

    10 करोड़ रुपये या उससे अधिक लागत वाली सभी परियोजनाओं का संबंधित विभाग की ओर से थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराया जाएगा और इसके लिए अधिकतम एक प्रतिशत परियोजना लागत आरक्षित की जा सकती है।

    परियोजना प्रशासक विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि परियोजनाओं के रखरखाव और संचालन के लिए एक समर्पित बजट हो जो सीएमडीएफ द्वारा प्रदान नहीं किया जाएगा।

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