Delhi CM Attack: सीएम रेखा गुप्ता पर अचानक कैसे हुआ हमला? चश्मदीदों ने बताई पूरी कहानी
Delhi CM Attack दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान अचानक हमला हुआ जिससे अफरा-तफरी मच गई। चश्मदीदों के अनुसार घटना के बाद भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभालकर परिसर को खाली कराया। लोगों ने बताया कि हमलावर ने अचानक CM रेखा गुप्ता पर हमला कर दिया जिससे सभी हैरान रह गए।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi CM Rekha Gupta Attack : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान अचानक हुए हमले से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री आम लोगों की शिकायतें सुन रही थीं।
हमले के बाद बनी भगदड़ जैसी स्थिति
हमले की जानकारी मिलते ही मौके पर मौजूद लोगों में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में मोर्चा संभालते हुए हालात पर काबू पाया और सभी फरियादियों को बाहर निकाल कर परिसर को खाली कराया।
वहीं, घटना के बाद परिसर से निकले प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ ही मिनट में ऐसा हो गया जिसकी कोई भी कल्पना नहीं कर सकता। किसी तरह सभी पुलिस घेरे में बाहर निकले और राहत की सांस ली।
क्या बोले चश्मदीद?
अपने साथियों के साथ मुख्यमंत्री के सामने अपनी फरियाद लेकर आया था। इससे पहले भी बस मार्शल के मुुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। हमलावर हमसे आगे ही था जैसे ही उसका नंबर आया उसने पहले मुख्यमंत्री से कुछ कहा और फिर उन पर हमला कर दिया। - मुकेश पाल सिंह
नासिक से मुख्यमंत्री से मिलने आया था। मुझसे आगे दस फरियादी और थे। उसके बाद मेरा नंबर आना था, लेकिन अचानक समझ नहीं आया कि कोई इस तरह मुख्यमंत्री पर हमला कैसे कर सकता है। घटना के बाद से बहुत दुखद हूं। - डॉ. शिवप्रसाद महाजन
पूरे परिसर में सौ से 150 लोग अपनी फरियाद लेकर आए थे। सब कुछ ठीक चल रहा था। मुख्यमंत्री हमेशा की तरह बहुत आराम से सभी की परेशानियां सुन रही थीं। हम भी लाइन में अपनी बारी आने के इंतजार में थे। अचानक हमला हुआ और मात्र कुछ ही मिनटों में पूरा माहौल ही तनावपूर्ण हो गया और सब बाहर आ गए। - नवनीत कुमार
मुख्यमंत्री के जनसुनवाई कार्यक्रम में पहले भी शामिल हो चुके हैं। उन्होंने बहुत आराम से हमारी बात सुनी थी। इस बार भी अपने मुद्दे को लेकर उनसे मिलने आए थे, लेकिन वहां ऐसा हादसा हो गया जो कभी नहीं सोचा था। ऐसा अनुभव जीवन में कभी महसूस नहीं किया। - संजय
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