80 सेकेंड तक CM Rekha Gupta पर हमला करता रहा राजेश, अब सुरक्षा पर उठ रहे कई सवाल; गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
Delhi CM Rekha Gupta Attacked दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला हुआ। सुरक्षा में चूक के कारण हमलावर ने थप्पड़ मारे और बाल खींचे। जेड प्लस सुरक्षा के बावजूद पुलिस हमलावर को तुरंत काबू नहीं कर पाई। यह दिल्ली पुलिस की बड़ी लापरवाही है गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।Delhi CM Attack: सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में घुसकर मुख्यमंत्री Rekha Gupta पर जानलेवा हमला करने के मामले में दिल्ली पुलिस सुरक्षा यूनिट की बड़ी लापरवाही मानी जानी है। सुरक्षा में चूक के कारण हमलावर मुख्यमंत्री पर हमला करने में कामयाब हो गया।
मुख्यमंत्री ने जैसे ही आरोपित राजेश भाई की शिकायत जानने की कोशिश की उसने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए पास जाकर पहले ताबड़तोड़ दो थप्पड़ जड़ दिया फिर उनको बाल पकड़ कर खींचना शुरू कर दिया। उसके गुस्से व नफरत का आलम यह था कि बाल खींचते हुए उसने मुख्यमंत्री का बाल पकड़कर गिरा दिया और फिर पत्थर उठाकर मारने की भी काेशिश की।
हालांकि वह पत्थर मारने में कामयाब नहीं हो पाया। करीब 80 सेकेंड तक यह वाक्या चलता रहा लेकिन जेड प्लस की सुरक्षा में तैनात मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा यूनिट के कर्मी हमलावर को तुरंत काबू नहीं कर पाए।
दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार किसी बड़े नेता की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई है। पुलिस अधिकारी का दावा है कि जिस समय हमलावर ने वारदात को अंजाम दिया, उस वक्त मुख्यमंत्री के पीछे दो महिला पुलिसकर्मी समेत कुछ पुरुष पुलिसकर्मी भी मौजूद थे।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर पुलिसकर्मी पास में माैजूद थे तब इस तरह की हैरान करने वाली घटना कैसे घट गई? दिल्ली में अब से पहले किसी बड़े नेता की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कभी नहीं हुई थी। इस घटना ने पूरी दिल्ली पुलिस की छवि को तार-तार कर दिया है।
मुख्यमंत्री को जेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है। तीन शिफ्ट में इनकी ड्यूटी होती है। मुख्यमंत्री के साथ हमेशा दो पीएसओ की ड्यूटी रहती है जो उनके बिलकुल नजदीक होती हैं। मूवमेंट के दौरान उनके वाहन के आगे और पीछे एक स्कॉट व एक पायलट गाड़ी चलती है जिसमें प्रत्येक में चार से पांच पुलिसकर्मी मौजूद होते हैं।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस भी साथ चलती है। कैंप कार्यालय व घर में परिसर के चारों तरफ गेट व मचान आदि पर 15-20 पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती है। घर के बाहर स्थानीय पुलिस की गारद भी रहती है। इतने तामझाम होने के बावजूद मुख्यमंत्री पर बुरी तरह से हमला करने में सक्षम हो जाना यह दिल्ली पुलिस की बड़ी चूक मानी जा रही है।
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से पूरे घटनाक्रम के बारे में रिपोर्ट मांगी है। बेहद हैरानी की बात है कि आरोपित मंगलवार सुबह 11 बजे शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री के घर पर जाकर काफी देर तक किसी से फोन पर बातचीत की और वीडियो बनाया। उसके बाद अंदर भी जाकर प्रोटोकॉल ऑफिसर से बातचीत की और वीडियो बनाया लेकिन किसी को भी उसकी हरकत व मंशे पर शक नहीं हो पाया।
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