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    DTC Buses: बसों की कमी से परेशान दिल्लीवासी, दूसरे राज्यों के लिए कोटा जारी; देखें लिस्ट

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 07:48 PM (IST)

    दिल्ली में बसों की कमी से यात्री परेशान हैं। डीटीसी के पास पर्याप्त बसें नहीं हैं जिससे व्यस्त रूटों पर दिक्कतें बढ़ गई हैं। सरकार ने कश्मीरी गेट आईएसबीटी और बड़ौत के बीच नई एसी बस सेवा शुरू की है। पहले 7300 बसें थीं जो अब घटकर 5600 रह गई हैं। बसों की कमी से निम्न और मध्यम वर्ग के लोग प्रभावित हैं।

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    शहर में बसों का टोटा, दूसरे राज्य के लिए जारी कर दिया कोटा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के लोग बसों की कमी से जूझ रहे हैं। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के पास पर्याप्त बसें नहीं हैं। पिछले एक साल में दो हजार से ज्यादा पुरानी बसें सड़कों से हटाई गई हैं, जबकि सिर्फ एक हजार नई बसें ही आई हैं।

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    इनमें से छह सौ से ज्यादा छोटी बसें हैं। बसों की कमी के कारण व्यस्त रूटों पर यात्रियों की मुश्किलें बढ़ रही हैं और बस चालक दल बसों का इंतजार कर रहे यात्रियों से परेशान हैं।

    दिल्ली के यात्रियों की इन परेशानियों के बीच, दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कश्मीरी गेट आईएसबीटी और उत्तर प्रदेश के बड़ौत बस डिपो के बीच एक नई एसी बस सेवा शुरू की। सरकार कई अन्य शहरों के लिए भी बसें चलाने की तैयारी कर रही है।

    गौरतलब है कि करीब एक साल पहले तक दिल्ली सरकार के पास 7,300 से ज्यादा बसें थीं। हालांकि, अब बसों की कुल संख्या घटकर करीब 5,600 रह गई है। इनमें से 2,500 डीएमटीएस के तहत संचालित क्लस्टर बसें हैं और 3,100 डीटीसी बसें हैं। इन बसों में वे बसें भी शामिल हैं जिन्हें सरकार ने हाल के महीनों में सड़कों पर उतारा है।

    बसों की कमी का असर यात्रियों पर पड़ रहा है। यात्री बसों की कमी से इसलिए भी परेशान हैं क्योंकि कम किराए के कारण ये निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों में काफी लोकप्रिय हैं। मुफ्त बस सेवा के कारण इन बसों में यात्रा करने वाली महिलाओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। फ़िलहाल, प्रमुख रूटों पर बसों की कमी है।

    स्थानीय लोगों के अनुसार, मयूर विहार फेज III से चलने वाली रूट संख्या 378 और 359 पर चलने वाली बसों की संख्या लगभग न के बराबर हो गई है। इससे सेंट्रल टर्मिनल और कनॉट प्लेस आने-जाने वाले यात्रियों को असुविधा हो रही है।

    यह स्थिति दिल्ली के सभी रूटों पर है। भाजपा सरकार इस स्थिति के लिए पिछली आप सरकार को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। सरकार के अनुसार, पिछली सरकार को पता था कि पुरानी बसों के कारण एक साल के भीतर 2,000 से अधिक बसें सड़कों से हटा दी जाएंगी, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया।

    इन सबके बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया है कि एक साल के भीतर डीटीसी बसों की संख्या 3,000 से बढ़ाकर 6,000 कर दी जाएगी।

    गौरतलब है कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भी दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के बीच बसें चलती थीं। बसों की कमी के कारण, ये सेवाएँ धीरे-धीरे बंद कर दी गईं। वर्तमान में, डीटीसी बसें केवल नोएडा तक ही चलती हैं।

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने आईएसबीटी कश्मीरी गेट से एक नई बस सेवा का शुभारंभ किया। इस रूट पर तीन बसें तैनात की गई हैं, और बसों का रंग नारंगी है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि डीटीसी की इस नई अंतरराज्यीय वातानुकूलित बस सेवा से यात्रियों और छात्रों को बहुत लाभ होगा। इस रूट की कुल लंबाई लगभग 60 किलोमीटर है। इस बस का न्यूनतम किराया ₹32 और अधिकतम किराया ₹125 है।

    इस रूट पर बसें इसी आईएसबीटी से चलेंगी और खजूरी खास, भजनपुरा, लोनी बस स्टेशन/उत्तर प्रदेश बॉर्डर, लोनी, मंडोला, खेकड़ा, काठा, बागपत, गोरीपुर, सरूरपुर और त्योड़ी होते हुए बड़ौत पहुंचेंगी।