Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मीनाक्षी लेखी का दिल्ली में बढ़ा सियासी कद, जानिए केंद्र में मंत्री बनने की Inside Story

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Wed, 07 Jul 2021 11:51 PM (IST)

    meenakshi lekhi portfolio मीनाक्षी लेखी का सियासी कद दिल्ली की राजनीति में बढ़ा है। इनके मंत्री बनने से पार्टी को एक मजबूत महिला और पंजाबी नेता की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। वह संसद से लेकर राजनीतिक गलियारे में पार्टी और केंद्र का पक्ष जोरदार तरीके से रखती हैं।

    Hero Image
    भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की फाइल फोटो

    नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। मंत्री पद की दौड़ में शामिल दिल्ली के अन्य सांसदों को मीनाक्षी लेखी ने पीछे छोड़ दिया है। वह नरेंद्र मोदी की टीम में जगह बनाने में सफल रही हैं। इससे इनका सियासी कद भी बढ़ा है। दिल्ली की सियासत में इनकी अहमित बढ़ेगी। साथ ही इनके मंत्री बनने से पार्टी को एक मजबूत महिला और पंजाबी नेता की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। वह संसद से लेकर राजनीतिक गलियारे में पार्टी और केंद्र सरकार का पक्ष जोरदार तरीके से रखती हैं। माना जा रहा है कि इसी विशेषता की वजह से इन्हें मंत्री पद से नवाजा गया है। लोकसभा चुनाव से पहले राफेल को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके विरोध में मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी और राहुल गांधी को माफी मांगनी पड़ी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मीनाक्षी लेखी लगातार दूसरी बार नई दिल्ली संसदीय सीट से जीत हासिल की हैं। इस सीट की अहमियत इसी से पता चलता है कि अटल व आडवाणी भी यहां के सांसद रह चुके हैं। सुचेता कृपलानी यहां से पहली बार संसद पहुंची थीं। उनके बाद मीनाक्षी लेखी दूसरी महिला नेता हैं जिन्हें इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। उनके साथ ही दूसरी बार सांसद चुने गए मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी व प्रवेश वर्मा भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल थे, लेकिन इन सभी को निऱाशा हाथ लगी।

    इनके मंत्री बनने से दिल्ली में भाजपा को भी लाभ मिलने की बात कही जा रही है। वर्षों से दिल्ली में पार्टी के पास कोई मजबूत महिला नेता नहीं है जिसके दम पर वह महिला मतदाताओं को अपने साथ ला सके। लेखी की भूमिका अपने संसदीय क्षेत्र तक सीमित थी। मंत्री बनने से इनका सियासी रुतबा बढ़ेगा जिसका फायदा पार्टी को मिलेगा। इसी तरह से पंजाबी नेतृत्व की कमी दूर करने में भी मदद मिलेगी।

    दिल्ली में पंजाबी भाजपा के परंपरागत समर्थक माने जाते हैं, परंतु दमदार नेता नहीं होने से पार्टी के सामने इन्हें साथ जोड़े रखने की चुनौती है। पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना की मृत्यु और प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा के सक्रिय राजनीति से अलग होने से पंजाबी नेतृत्व की कमी महसूस की जा रही है। अब इस कमी के दूर होने की उम्मीद है।

    यह भी पढ़ेंः जानिए कौन हैं मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने वाली मीनाक्षी लेखी, राहुल गांधी को माफी मांगने पर कर दिया था मजबूर

    Modi Cabinet Reshuffle: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा