SIR पर जनता को भ्रमित न कर पाए कांग्रेस-आप, दुष्प्रचार का आरोप लगा जवाब देने को भाजपा तैयार
दिल्ली में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को एसआईआर की सही जानकारी देंगे और विपक्ष के दुष्प्रचार के प्रति सतर्क करेंगे। भाजपा का लक्ष्य है कि मतदाता सूची में केवल वैध मतदाताओं के नाम हों और फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें। इसके लिए वर्ष 2002 की मतदाता सूची से मिलान किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार के बाद अब पूरे देश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) होगा। दिल्ली में 23 वर्षों के बाद एसआईआर किया जाना है। इसकी तिथि तो अभी घोषित नहीं हुई है, परंतु दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने तैयारी शुरू कर दी है।
इसके साथ ही यह राजनीतिक मुद्दा बनने लगा है। भाजपा व विरोधी दलों के नेता इसे लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इसे लेकर राजनीति और बढ़ेगी। इसे ध्यान में रखकर भाजपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
इसे सफल बनाने के लिए बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की टीम उतरेगी। कार्यकर्ता लोगों को एसआईआर की सही जानकारी देकर विपक्ष के दुष्प्रचार के प्रति उन्हें सतर्क करेंगे।
बिहार की तरह दिल्ली में भी एसआईआर को लेकर भाजपा व विरोधी दल आमने- सामने हैं। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के नेता चुनाव आयोग पर भाजपा विरोधी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटने की साजिश बताया है।
वहीं, भाजपा नेता इसका समर्थन करते हुए विरोधियों पर घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। विपक्ष के नेताओं के बयानबाजी को देखते हुए भाजपा नेतृत्व सतर्क हो गया है।
विरोधी पार्टियों के नेता एसआईआर को लेकर लोगों को भ्रमित नहीं कर सकें इसके लिए जनसंपर्क अभियान चलाने की तैयारी है। अभियान की रूपरेखा तय करने के लिए अगले सप्ताह पार्टी की बैठक होने की उम्मीद है।
विधानसभा चुनाव से पहले भी भाजपा ने चलाया था अभियान
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भी भाजपा ने फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए अभियान चलाया था। कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच कर फर्जी मतदाताओं की पहचान की थी।
शाहदरा, मोती नगर सहित कई स्थानों पर एक ही पते पर बड़ी संख्या में लोगों के वोट बने हुए मिले थे। यहां तक की फुटपाथ पर नकली घर का नंबर डाल कर वोट बना दिए गए थे। चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की गई थी।
चुनाव में होती थी मतदाताओं की संख्या अप्रत्याशित वृद्धि
भाजपा नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) की नियुक्ति कर दी गई थी, जिससे बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं की पहचान करने में मदद मिली थी। उनका कहना है कि फर्जी मतदाता बनाने के खेल पिछले कई वर्षों से चल रहा है।
यही कारण है कि लोकसभा चुनाव के कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में मतदाता बढ़ जाते थे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद 2015 के विधानसभा के चुनाव में 13 लाख और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 8 लाख से अधिक मतदाता बढ़ गए थे।
वहीं, इस बार लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में लगभग साढ़े तीन लाख मतदाता बढ़े। भाजपा का दावा है कि उसके कार्यकर्ताओं की सक्रियता के कारण इस बार विधानसभा चुनाव के समय फर्जी मतदाताओं को रोकने में मदद मिली है।
बीएलए को किया जा रहा है सक्रिय
प्रत्येक बीएलए का विवरण पार्टी के पास आनलाइन उपलब्ध है। उन्हें फिर से सक्रिय किया जा रहा है। बीएलए मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को मतदाता सूची के पुनरीक्षण में मदद करेंगे।
भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर मतदाताओं को भी दस्तावेज जमा करने में, वर्ष 2002 की मतदाता सूची से अपने नाम का मिलान करने में सहयोग करेंगे। फर्जी मतदाताओं की पहचान करने के साथ ही यह प्रयास होगा कि प्रत्येक वैध मतदाता का नाम मतदाता सूची में शामिल हो सके।
वर्ष 2002 की मतदाता सूची से किया जाएगा नाम का मिलान
एसआईआर वर्ष 2002 की मतदाता सूची के साथ वर्तमान सूची का मिलान किया जाएगा। दोनों सूची में नाम होने पर बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। बाद में जुड़े लोगों के नाम के सत्यापन के लिए दस्तावेज जमा करना पड़ेगा।
पिछले 23 वर्ष में मतदाताओं में हुई वृद्धि
मतदाता | 2002 | 2025 | 23 वर्ष में वृद्धि |
पुरुष | 47,56,330 | 83,76,173 | 36,19,843 |
महिला | 36,91,994 | 72,36,560 | 35,44,566 |
कुल | 84,48,324 | ,56,14,000 | 71,65,676 |
दिल्ली की मतदाता सूची में सिर्फ यहां के वैध मतदाताओं के नाम होने चाहिए। इसमें से फर्जी मतदाताओं और घुसपैठियों के नाम हटाने के लिए एसआईआर आवश्यक है। चुनाव आयोग के इस अभियान को सफल बनाने में भाजपा कार्यकर्ता हरसंभव मदद करेंगे।
-वीरेंद्र सचदेवा (दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष)
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