Delhi: पानी को लेकर दिल्ली विधानसभा में पक्ष-विपक्ष में तकरार, सरकार ने एलजी और वित्त सचिव पर फोड़ा ठीकरा
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में पहले दिन पानी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खासी तकरार देखने को मिली। सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाए लेकिन सारा ठीकरा उपराज्यपाल वीके सक्सेना व वित्त सचिव पर फोड़ दिया। विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने जल बोर्ड में धन की कमी का मुद्दा विधानसभा की याचिका समिति को भेज दिया है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में पहले दिन पानी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खासी तकरार देखने को मिली। विपक्ष ने जहां गंदे पानी की आपूर्ति, पाइप लाइन एवं जल बोर्ड के हजारों करोड़ के कर्ज में डूबने के मुद्दे को उठाया तो वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाए, लेकिन सारा ठीकरा उपराज्यपाल वीके सक्सेना व वित्त सचिव पर फोड़ दिया।
एक महीने में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने जल बोर्ड में धन की कमी का मुद्दा विधानसभा की याचिका समिति को भेज दिया है। समिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। सत्तापक्ष के सदस्य दिनेश मोहनिया द्वारा विधानसभा में पेश ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए बिजवासन से आप विधायक भूपिंदर सिंह जून ने कहा कि दिल्ली की सभी विधानसभाओं में पिछले एक-डेढ़ साल से जल बोर्ड का काम ठप पड़ा है।
दिल्ली वासी एकदम गंदा, बदबूदार पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं। इसका नतीजा ये हो रहा है कि लोग बीमार पड़ रहे हैं। खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं। जब जल बोर्ड के अधिकारियों से इसकी शिकायत करते हैं तो उनका एक ही जवाब होता है कि फंड नहीं है। देवली से आप विधायक प्रकाश जारवाल ने कहा कि इससे अच्छा तो भाजपा वाले जहर दे दें, एक ही बार मे काम हो जाएगा।
वित्त सचिव पर AAP ने ठीकरा फोड़ा
दरअसल, आम आदमी पार्टी के विधायकों का कहना है वो अपने क्षेत्र में जल बोर्ड से संबंधित काम लेकर अधिकारी के पास फ़ाइल भेजते हैं तो वो वित्त सचिव उस पर आपत्ति लगाकर लौटा देते हैं। किराड़ी से आप विधायक गोविंद ऋतुराज ने कहा कि जल बोर्ड के पास पैसों की कमी नहीं है। बाबू, अधिकारी अड़ंगा लगाकर काम नहीं होने दे रहे हैं।
वही आप के प्रवक्ता व विधायक दुर्गेश पाठक ने जल बोर्ड के अधिकारियों पर गैर जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2013 से लेकर कुछ दिन पहले तक दिल्लीवासियों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार 24 घंटे साफ पानी उपलब्ध कराएगी।
सरकार वादा पूरा करने में विफल हुई है। जल बोर्ड 72 हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है। सीएम ने 500 करोड़ मुनाफे की बात कही थी। नए एलजी तो एक साल से आए हैं, घाटा इतना बढ़ कैसे गया? सरकार जल बोर्ड घाटे की जांच सीबीआई से कराए।
दिल्ली के एलजी पर भी लगाया आरोप
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जवाब देते हुए कहा कि अधिकारी दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को धन मुहैया कराने में बाधा डाल रहे हैं, जिसकी वजह से विभाग की कई परियोजनाएं धन की कमी के कारण अधर में हैं। उन्होंने एलजी वीके सक्सेना पर इस मुद्दे की जानकारी होने के बावजूद कुछ नहीं करने का आरोप लगाया।
भारद्वाज ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मीटर रीडिंग लेने वाले कर्मचारी रीडिंग लेने नहीं जा पाए और उस दौरान बिल नहीं बनाए गए। कुछ मामलों में जहां बिल बनाए गए, उनका भुगतान नहीं किया गया, लेकिन इस बार जल बोर्ड काम कर रहा है तो उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
रोजमर्रा के खर्च का भुगतान पूंजीगत धन के माध्यम से किया गया, जो 1,500 करोड़ रुपए था। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों में कोई भी नई परियोजना शुरू नहीं हुई है क्योंकि उनके पास धन ही नहीं है।
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