'शराब नीति में हुआ भ्रष्टाचार उजागर, जनता की आंखें खोल देगा ये सच'; CAG रिपोर्ट में और क्या-क्या?
दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly Session) में आज सीएजी (CAG) रिपोर्ट पर चर्चा होगी। रिपोर्ट में आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर हमला बोला है। उधर कांग्रेस ने जांच की मांग की है। बताया गया कि सदन में आज डिप्टी स्पीकर का चुनाव भी तय माना जा रहा है। आगे विस्तार से पढ़िए।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में आज बृहस्पतिवार को आप विधायकों को एंट्री नहीं दी गई है। उधर, पूर्व सीएम आतिशी ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि भाजपा ने तानाशाही की सारी हदें पार कर दी हैं। आतिशी आप विधायकों के साथ धरना-प्रदर्शन कर रही हैं।
सदन में सतीश उपाध्याय ने कहा कि सदन में आज ऐसे मुद्दे पर चर्चा हो रही है, जो दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य, सुरक्षा और दिल्ली की जनता के विश्वास के साथ जुड़ा हुआ है। कहा कि इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद ऐसा सच सामने आया है, जो दिल्ली की जनता की पूरी तरह से आंखें भी खोल देगा।
भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी है AAP
उन्होंने कहा कि मैं इसके साथ ही ऐसा सत्य भी आप के सामने लेकर के आया हूं जो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल के चेहरे को भी पूरी तरह से उजागर करने वाला होगा। इन्होंने खुद को ईमानदार और पारदर्शी पार्टी कहा था, मगर आज यह पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी है। कैग रिपोर्ट में दिल्ली की नई शराब नीति में हुए गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को उजागर किया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के राजस्व को 2002 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। जिससे सरकारी खजाने को भारी क्षति हुई है। जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग करते हुए उस धन का पूरी तरह से दुरुपयोग किया गया।
दिल्ली विधानसभा में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने घोटाले के दौरान 17 मोबाइल तोड़े और सिसोदिया अरविंद केजरीवाल विजय नायर इन सभी ने मिलकर 177 फोन तोड़े, आखिर क्यों? मतलब साफ है कि दाल में कुछ काला है, वही घोटाला सामने आया है।
दिल्ली विधानसभा सदन में आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने मांग की कि उनके सदन से निकाले गए सदस्यों को वापस बुलाया जाए। उन लोगों को विधानसभा परिषद में भी नहीं आने दिया जा रहा है और वह लोग सड़क पर बैठे हैं।
आप विधायक अमानुल्लाह खान ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उनके नेताओं को सदन में अपशब्द कहे जा रहे हैं। इस पर भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि पिछले 10 साल में सदन में एक बार नहीं उनके सम्मानित नेताओं को अनेक बार अपशब्द का प्रयोग किया गया है। ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि आप के नेताओं को सदन में वही कहा जा रहा है जो वह हैं।
वहीं, भाजपा विधायक अभय वर्मा ने सदन में मांग उठाई कि शराब घोटाले में सरकार को जो राजस्व की हानि हुई है। वह पैसा जिम्मेदारों से वसूला जाए। इससे यह संदेश भी जाएगा कि अगर कोई घोटाला करेगा तो उसे इस बात का अंदाजा रहेगा कि उससे वसूली भी की जा सकती है।
एक और सच सामने आया
सतीश उपाध्याय ने कहा कि रिपोर्ट से एक और सच सामने आ गया है कि दिल्ली की जनता को नकली शराब पिलाई जा रही थी। क्योंकि इस शराब का सरकार द्वारा निर्धारित किसी भी लैब से टेस्ट नहीं कराया गया जो बहुत जरूरी और अनिवार्य था, शराब की जांच प्राइवेट एजेंसी से कराई गई।
उन्होंने मांग की कि इस घोटाले में लोगों के खिलाफ कार्रवाई तो ही, साथ ही जनता का जो पैसा लूटा गया है उसको भी वापस लाने के लिए कानून का प्रयोग किया जाए।
बता दें कि दिल्ली विधानसभा में आबकारी नीति पर पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट पर आज चर्चा होगी। उधर, दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सदन से विपक्ष के सभी 21 विधायक गायब हैं। इन सभी को शुक्रवार तक के लिए सदन से निष्कासित किया गया है। दिल्ली विधानसभा सदन में भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल कार्यवाही देखने पहुंचे।
सदन में भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने बलिदानी भगत सिंह और बाबा साहेब के चित्रों पर की जा रही राजनीति का मुद्दा उठाया। उन्होंने अपने इलाके मालवीय नगर में आप सरकार के दौरान क्षतिग्रस्त हुई भगत सिंह की प्रतिमा का मुद्दा उठाया।
गंदे पानी की समस्या का मुद्दा उठाया
विधायक मोहन सिंह ने मुस्तफाबाद में आ रहे गंदे पानी की समस्या का मुद्दा उठाया। कहा कि उनके इलाके में पानी की जो पाइप लाइनें डाली गई हैं वे क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। गंदे पाने से जनता परेशान है।
आरके पुरम से विधायक अनिल शर्मा ने भी अपने इलाके में आ रहे गंदे पानी की समस्या को उठाया और सीवर जाम के बारे में भी सदन में बताया। कहा कि हमारे इलाके में चार गांव पड़ते हैं उनमें सीवर जाम है। कहा कि सत्य निकेतन जैसी कॉलोनी में भी यह समस्या आ रही है।
विश्वास नगर में अभी तक नहीं लगाए गए 4000 कैमरे
विश्वास नगर से विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का मुद्दा उठाया। कहा कि मेरे यहां विश्वास नगर में 4000 कैमरे अभी तक नहीं लगाए गए हैं। मगर भुगतान कर दिया गया। इसकी जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा कराई जाए। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा यह बहुत गंभीर मामला है। यह बहुत दुखद है कि विपक्ष के भाजपा सदस्यों के विधानसभा क्षेत्र में कैमरे नहीं दिए गए। क्योंकि कैमरे लगाने को लेकर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होने थे, जो उन्होंने नहीं किए।
लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने सदन को बताया कि इस मामले की जल्द जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी अधिकारी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा सबसे पहले कैमरे ओम प्रकाश शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में लगाए जाएंगे। नजफगढ़ से विधायक नीलम पहलवान ने नजफगढ़ का नाम नाहर सिंह गढ़ रखे जाने की मांग की।
गोण्डा से विधायक अजय महावर ने कहा हम सभी जानते हैं कि पानी की आपूर्ति और सीवर की समस्या को लेकर हम लोग लंबे समय से सदन से सड़क तक संघर्ष करते रहे हैं। कहा कि मेरे इलाके में छह सीवर लाइन हैं, लेकिन सभी जाम पड़ी हैं।
(आप विधायकों को सदन में घुसने नहीं दिया जा रहा है। जागरण फोटो)
आप विधायकों के साथ प्रदर्शन कर रहीं आतिशी
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता व पूर्व सीएम आतिशी अपनी पार्टी के विधायकों के साथ धरने पर बैठ गई हैं। आप नेता बैरिकेडिंग के पास धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि स्पीकर के आदेश पर पुलिस आप विधायकों को विधानसभा परिसर में नहीं जाने दे रही है।
आतिशी ने कहा पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि हम (आप विधायक) विधानसभा से निलंबित हैं, इसलिए हमें विधानसभा परिसर में भी नहीं घुसने दिया जाएगा। यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। आतिशी ने कहा आखिर हमें कैसे रोका जा सकता है? हमने स्पीकर से बात करने की कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं हो रहा।
पूर्व सीएम आतिशी ने बीजेपी पर बोला हमला
दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने एक्स पर पोस्ट डालकर लिखा कि भाजपा वालों ने सरकार में आते ही तानाशाही की हदें पार कर दीं।‘जय भीम’ के नारे लगाने के लिए तीन दिन के लिए आम आदमी पार्टी के विधायकों को सदन से निलंबित किया। और आज “आप” विधायकों को विधानसभा परिसर में घुसने भी नहीं दिया जा रहा। ऐसा दिल्ली विधानसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि चुने हुए विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा।
(पूर्व सीएम आतिशी ने बीजेपी पर हमला बोला है। जागरण फोटो)
वहीं, आम आमदी पार्टी (AAP) ऑफिशियल अकाउंट से भी एक्स पर एक पोस्ट किया गया है। उस पोस्ट में लिखा गया कि दिल्ली में बीजेपी सरकार का तानाशाही रवैया। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सदन में बाबा साहब के नारे लगाए तो उन्हें तीन दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। अब आज AAP विधायकों को विधानसभा भवन के अंदर जाने तक नहीं दिया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। यह लोकतंत्र की हत्या और तानाशाही है।
उधर, भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने सीएजी रिपोर्ट पर कहा कि इस सीएजी रिपोर्ट में जिस तरह का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है, जिस तरह से आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने करीबियों को फायदा पहुंचाया है, उस पर आज चर्चा होगी और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनकी पूरी कैबिनेट का असली चेहरा भी उजागर होगा।
उन्होंने कहा जो पैसा दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए खर्च होना चाहिए था, वह सारा पैसा बेईमान लोगों की जेब में चला गया। आम आदमी पार्टी को सदन में चर्चा के जरिए दिल्ली को हुए 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के राजस्व के नुकसान का जवाब देना होगा।
कैग रिपोर्ट में उठाए गए प्रश्नों की जांच होनी चाहिए
कांग्रेस ने आबकारी नीति को लेकर कैग रिपोर्ट में उठाए गए प्रश्नों की जांच कराने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि कैग रिपोर्ट का निष्कर्ष है लूट, झूठ और फूट। आम आदमी पार्टी की तत्कालीन सरकार दावा करती थी कि आबकारी नीति से राजस्व बढ़ रहा है, लेकिन कैग रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार के राजस्व को 2002 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। भाजपा व आप के बीच लड़ाई के कारण विधानसभा में इस रिपोर्ट पर चर्चा नहीं हो सकी है।
प्रेसवार्ता में उन्होंने शराब घोटाले की जांच का दायरा व्यापक करने और सितंबर 2022 में कांग्रेस द्वारा पुलिस आयुक्त को दी गई शिकायत को भी शामिल करने की मांग की।
शराब के ठेके खोलने के लाइसेंस कैसे दिए गए?
भाजपा के बड़े नेता और तत्कालीन उपराज्यपाल की भूमिका से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल जिन्हें सीएजी रिपोर्ट में नजरअंदाज कर दिया है। एक साल के अंदर तीन आबकारी निदेशकों को बदलने का निर्णय क्यों और किसने लिया? केजरीवाल सरकार की शराब नीति को लागू करने की अनुमति तत्कालीन उपराज्यपाल ने दी थी, आज तक इस पर कोई जांच क्यों नहीं हुई? मास्टर प्लान का उल्लंघन कर, शराब के ठेके खोलने के लाइसेंस कैसे दिए गए, इसकी भी जांच हो।
यह भी पढ़ें- घाटे सहकर महिलाओं को फ्री बस सेवा दे रही DTC, अब सीएम रेखा गुप्ता के लिए कितनी बड़ी चुनौती
यह बहुत बड़ा प्रश्न दिल्ली नगर निगम की अनुमति के बिना, शराब के ठेके नहीं खोले जा सकते और उस समय निगम में भाजपा थी। क्या कारण थे कि भाजपा ने दिल्ली सरकार को गैर अधिसूचित क्षेत्रों में भी शराब के ठेके खोलने की अनुमति दे दी? शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के के संबंध वाले राजनीति दलों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। प्रेसवार्ता में पूर्व सांसद संदीप दीक्षित व अन्य उपस्थित थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।