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    दिल्ली में नए सत्र से आर्म्ड फोर्सेज प्रीपरेटरी स्कूल शुरू करने की तैयारी, अब सेना में भर्ती होने वाले युवाओं की राह होगी आसान

    By Ritika MishraEdited By: Pradeep Chauhan
    Updated: Thu, 24 Feb 2022 09:02 AM (IST)

    सर्विस प्रीपरेटरी ¨वग में विद्यार्थियों के नेतृत्व कौशल को बेहतर बनाने और भारतीय सशस्त्र बलों में अपनी सेवा के दौरान उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की विशेषताओं कौशल और गतिविधियों से परिचित कराने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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    स्कूल में विद्यार्थियों को सशस्त्र बलों के लिए आदर्श उम्मीदवारों में ढालने के लिए समग्र पर्यवेक्षण मिलेगा।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से आर्म्ड फोर्सेज प्रीपरेटरी स्कूल संचालित किया जाएगा। झड़ौदा कलां स्थित इस स्कूल की शुरुआत दो सौ विद्यार्थियों के साथ की जाएगी। इनमें 120 छात्र और 80 छात्रएं होंगी। शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आर्मी स्कूल तैयार करना दिल्ली सरकार की अहम परियोजना है।

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    इसका उद्देश्य उन विद्यार्थियों के सपनों को साकार करना है, जो सशस्त्र बलों के माध्यम से जोश और उत्साह के साथ राष्ट्र की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसे स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के अधीन संचालित किया जाएगा, जिसे दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि इस साल स्कूल का पहला बैच होगा। इसमें नौवीं में 100 सीट (60 छात्रों और 40 छात्रओं के लिए) और 11वीं में 100 सीट (60 छात्रों और 40 छात्रओं के लिए) तय की गई है।

    नेतृत्व कौशल को बेहतर बनाना होगा मकसद : इस स्कूल में कक्षाओं को दो अलग-अलग हिस्सों में बांट कर पढ़ाई कराई जाएगी, जिसमें अकादमिक और सर्विस प्रीपरेटरी विंग शामिल हैं। निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक पहले दो वर्ष यानी नौवीं और 10वीं में अकादमिक विंग के तहत विद्यार्थियों की गणित, अंग्रेजी, हंिदूी, सामान्य विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय की बुनियादी शिक्षा मजबूत की जाएगी, ताकि इन विषयों का उन्हें बेहतर ज्ञान हासिल हो। वहीं, सर्विस प्रीपरेटरी विंग में विद्यार्थियों के नेतृत्व कौशल को बेहतर बनाने और भारतीय सशस्त्र बलों में अपनी सेवा के दौरान उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की विशेषताओं, कौशल और गतिविधियों से परिचित कराने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

    वहीं, 11वीं और 12वीं में अकादमिक विंग के तहत विद्यार्थियों को भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा। इसमें भाषा, गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान और मानविकी विषय पढ़ाया जाएगा। सर्विस प्रीपरेटरी विंग के तहत विद्यार्थियों की दो वर्ष में पहचान की गई क्षमता को पोषित करने और उनके कार्य क्षेत्रों में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि प्रत्येक छात्र में अधिकारी वाले गुण पैदा हों और परीक्षाओं में उनके चयन की संभावना बढ़े।

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    बनाया जा रहा आवासीय परिसर : झड़ौदा कलां में 14 एकड़ में बन रहे इस स्कूल में विद्यार्थियों के रहने की सुविधा भी होगी। इसके लिए छात्र और छात्रओं के लिए अलग-अलग आवासीय परिसर बनाया जा रहा है। स्कूल में सभी आवश्यक ढांचागत और प्रशिक्षण से संबंधित सुविधाएं होंगी। अधिकारी के मुताबिक स्कूल में छात्र और छात्रओं के लिए अलग-अलग आवासीय ब्लाक के साथ प्रशासनिक ब्लाक, अकादमिक ब्लाक, कैडेट मेस और प्रशिक्षण क्षेत्र तैयार किए जाएंगे।

    सशस्त्र बलों में जाने के लिए विद्यार्थियों में प्रभावी बुद्धिमत्ता, तर्कसंगत सोच, जवाबदेही, स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ दिमाग, धैर्य और सम्मान की भावना होनी चाहिए। शिक्षा निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक स्कूल में उचित मार्गदर्शन और परामर्श के जरिये विद्यार्थियों को इन विशेषताओं में परिपक्व किया जाएगा।

    नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थी अपनी नियमित पढ़ाई के साथ भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, भारतीय अर्धसैनिक सेवाओं और भारतीय तट रक्षक बल आदि में अधिकारी बनने के लिए तैयारी करेंगे। साथ ही स्कूल में विद्यार्थियों को सशस्त्र बलों के लिए आदर्श उम्मीदवारों में ढालने के लिए समग्र पर्यवेक्षण मिलेगा।

    विद्यार्थियों को सशस्त्र बलों के लिए किया जाएगा तैयार

    • उम्र सीमा (31 मार्च, 2022 तक)
    • कक्षा नौ : 13 से 15 साल के बीच
    • कक्षा 11 : 15 से 17 साल के बीच