Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Pollution: 8 वर्षों में इस बार अक्टूबर-नवंबर में सबसे कम प्रदूषित रही दिल्ली, CSE की रिपोर्ट में दावा

    Delhi NCR Pollution दिल्ली एनसीआर में इस वर्ष ठंड के इस सीजन के शुरुआती दिनों में प्रदूषण कम रहा है। खास तौर पर दिल्ली में इस साल अक्टूबर व नवंबर में पिछले आठ वर्षों की तुलना में प्रदूषण का स्तर कम रहा है।

    By Ranbijay Kumar SinghEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 12 Dec 2022 11:30 PM (IST)
    Hero Image
    पिछले आठ वर्षों में इस बार अक्टूबर-नवंबर में कम रहा प्रदूषण।

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली एनसीआर में इस वर्ष ठंड के इस सीजन के शुरुआती दिनों में प्रदूषण कम रहा है। खास तौर पर दिल्ली में इस साल अक्टूबर व नवंबर में पिछले आठ वर्षों की तुलना में प्रदूषण का स्तर कम रहा है। एनसीआर के अन्य शहरों में भी पिछले तीन वर्षों की तुलना में प्रदूषण काम रहा है। सीएसई (सेंटर फार साइंस एंड एनवायरनमेंट) के एक विश्लेषण में यह दावा किया गया है। फिर भी दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक प्रदूषित रही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीएसई के इस विश्लेषण के अनुसार अक्टूबर के शुरुआती दो सप्ताह में पांच दिन हवा की गुणवत्ता अच्छे श्रेणी में दर्ज की गई, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं आधी रहीं। इस वजह से दिल्ली धुएं के चेंबर में तब्दील नहीं हुई। अक्टूबर माह में बारिश के कारण भी प्रदूषण कम हुआ।

    स्मॉग भी नहीं छाया, तीन दिन हवा भी नहीं रही खराब

    सीएसई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले आठ वर्षों में इस बार अक्टूबर व नवंबर में दिल्ली में पीएम-2.5 का औसत स्तर सबसे कम रहा। इस बार एक बार भी ऐसा नहीं हुआ जब कई दिनों तक लगातार तक वातावरण में स्माग छाया रहा हो। लगातार तीन दिन तक हवा गंभीर श्रेणी में रहने की घटना भी नहीं हुई।

    पिछले वर्ष की तरह अब बढ़ सकता है प्रदूषण

    सीएसई की कार्यकारी निदेशक (रिसर्च एंड एडवोकेसी) अनुमिता राय चौधरी ने कहा कि इस बार सर्दी का सीजन शुरू होने के शुरुआती दिनों में भले ही प्रदूषण कम रहा लेकिन स्थानीय कारणों से बाद में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। पिछले वर्ष भी ऐसा हुआ था।

    इसलिए प्रदूषण को स्तर को संतोषजनक स्तर पर लाने के लिए वाहनों से निकलने वाले धुएं, औद्योगिक इकाइयों, पावर प्लांट, कूड़ा जलाने, धूल के स्रोतों व घरों में इस्तेमाल होने वाले प्रदूषण युक्त ईंधन जैसे स्थानीय स्रोतों पर वर्ष भर सख्ती जरूरी है।

    विश्लेषण में सामने आए तथ्य

    दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता नियंत्रण केंद्रों के डाटा के अनुसार अक्टूबर-नवंबर में पीएम-2.5 का औसत स्तर 142 माइक्रोग्रम प्रति घन मीटर रहा, जो वर्ष 2018 की तुलना में करीब 15 प्रतिशत कम है। वहीं वर्ष 2016 की तुलना में इस बार पीएम-2.5 का स्तर 38 प्रतिशत कम रहा। नासा के वीआइआइआरएस सेटेलाइट द्वारा ली गई तस्वीरों के अनुसार इस साल अक्टूबर व नवंबर में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में पराली जलाने की 54,391 घटनाएं और नासा के एमओडीआइएस सेटेलाइट द्वारा ली गई तस्वीरों के अनुसार पराली जलाने की 11,824 घटनाएं दर्ज हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 37 प्रतिशत व 42 प्रतिशत कम है।

    ये भी पढ़ें- Delhi Air Pollution: वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए चर्चा कम, ठोस उपाय ज्यादा जरूरी

    दिल्ली एनसीआर में तीन सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में अक्टूबर नवंबर में पीएम-2.5 का औसत स्तर

    दिल्ली- 142 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर

    गुरुग्राम- 134 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर

    गाजियाबाद- 131 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर

    ये भी पढ़ें- Delhi: गाड़ियों के कार्बन उत्सर्जन को 85% कम करके 25% माइलेज भी बढ़ा रही हाइड्रोजन किट