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    Delhi: गाड़ियों के कार्बन उत्सर्जन को 85% कम करके 25% माइलेज भी बढ़ा रही हाइड्रोजन किट

    अब चार पहिया व दोपहिया वाहनों में हाइड्रोजन किट लगाकर डीजल व पेट्रोल से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को 85 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिल रही है। साथ ही यह 25 प्रतिशत माइलेज बढ़ाने में भी कारगर है।

    By Rahul ChauhanEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 12 Dec 2022 05:52 PM (IST)
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    गाड़ियों के कार्बन उत्सर्जन को 85% कम करके 25% माइलेज भी बढ़ा रही हाइड्रोजन किट

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अब चार पहिया व दोपहिया वाहनों में हाइड्रोजन किट लगाकर डीजल व पेट्रोल से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को 85 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिल रही है। साथ ही यह 25 प्रतिशत माइलेज बढ़ाने में भी कारगर है। इस तकनीक को आटोमोबाइल इंजीनियर सौरभ मोहन सक्सेना ने आइआइटी दिल्ली के फाउंडेशन फार इनोवेशन एवं टेक्नोलाजी ट्रांसफर (एफआइटीटी) से मिली वित्तीय सहायता से विकसित किया है।

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    उन्हें आइआइटी परिसर में ही अपनी स्टार्टअप कंपनी के आफिस के लिए जगह भी दी गई है। अब वह अपनी स्टार्टअप कंपनी हाइड्रोजन आन डिमांड (एचओडी) के माध्यम से इसका उत्पादन शुरू करके इसे बड़े पैमाने पर गाड़ियों में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराने की कोशिश में हैं। लेकिन, इसके लिए अभी सरकार द्वारा इस किट को गाड़ियों में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिलने का इंतजार है।

    उन्होंने बताया कि सरकार ने जिस तरह से सीएनजी किट लगाने को मंजूरी दी हुई है। इस तरह से जब हाइड्रोजन किट के इस्तेमाल को मंजूरी मिल जाएगी तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे। देश में पेट्रोल-डीजल से चल रही पुरानी गाडि़यों से होने वाले प्रदूषण को भी कम करने में इससे मदद मिलेगी। यह तकनीक पूरी तरह से भारतीय है।

    इसे सभी दोपहिया व चार पहिया वाहनों में इस्तेमाल किया जा सकता है। आइआइटी दिल्ली में शनिवार को इंडस्ट्री डे के अवसर पर हाइड्रोजन किट लगी कार को प्रदर्शित करते हुए सौरभ मोहन ने बताया कि वर्ष 2020 में इस तकनीक का पेटेंट वह करा चुके हैं।

    इस तरह काम करती है किट

    किट में ऊपर से डेढ़ लीटर पानी भरा जाता है। इसके बाद किट से निकलने वाले पाइप को गाड़ी के डीजल या पेट्रोल के टैंक में जोड़ दिया जाता है और दूसरी तरफ उसे इंजन में जोड़ दिया जाता है। जब गाड़ी चलती है तो किट में इलेक्ट्रोलाइसिस की क्रिया होती है जिससे पानी और हवा की मदद से हाइड्रोजन बनती है।

    यह हाइड्रोजन डीजल या पेट्रोल के साथ गाड़ी के इंजन में जाती है। चूंकि हाइड्रोजन डीजल व पेट्रोल से तीन गुना ज्यादा ताकतवर होती है। इसलिए इसके इंजन में जाने से पेट्रोल व डीजल की खपत 25 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके साथ ही हाइड्रोजन पेट्रोल-डीजल से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को भी 85 प्रतिशत तक खत्म कर देती है।

    कितनी होगी किट की कीमत

    तकनीक को विकसित करने वाले सौरभ मोहन सक्सेना ने बताया कि उनकी कोशिश यह है कि गाड़ियों के लिए किट सीएनजी किट की कीमत में ही (40 से 50 हजार रुपये) में उपलब्ध कराई जाए। साथ ही दोपहिया वाहनों के लिए यह पांच से सात हजार में उपलब्ध कराने की कोशिश रहेगी। उन्होंने कहा कि किट की कीमत सरकार मदद और टैक्स में छूट मिलने पर निर्भर करेगी। अभी तक वह 10 चार पहिया वाहनों और 50 से ज्यादा दो पहिया वाहनों में यह किट लगा चुके हैं।