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    Delhi Pollution: दीवाली पर दिल्ली की हवा हुई 'बहुत खराब', आतिशबाजी के कारण AQI 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की आशंका

    By Agency Edited By: Sonu Suman
    Updated: Thu, 31 Oct 2024 06:36 PM (IST)

    दीवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए 377 टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जागरूकता फैलाने के लिए अधिकारी निवासी कल्याण संघों बाजार संघों और सामाजिक संगठनों के संपर्क में हैं। पटाखे न फोड़े जाएं इसके लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं।

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    दिवाली पर दिल्ली की हवा हुई 'बहुत खराब'

    पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi AQI) लगातार खराब होती जा रही है। दीवाली पर यह 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। रात में जमकर आतिशबाजी के कारण इसका स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। दिल्लीवासी गुरुवार को सुबह उठे तो आसमान में धुंध की मोटी परत छाई हुई थी। आनंद विहार की हवा अत्यधिक प्रदूषित थी और AQI 'गंभीर' श्रेणी में था।

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    दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम 4 बजे 328 दर्ज किया गया, जो बुधवार को 307 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में, दिल्लीवासियों ने 218 के एक्यूआई के साथ दीवाली पर साफ आसमान और प्रचुर धूप का आनंद लिया था जबकि 2022 में 312, 2021 में 382, ​​2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 था। 

    पिछले साल की स्थितियां थोड़ी अलग थी

    पिछले साल, पराली जलाने की घटनाओं में कमी और दीवाली से पहले बारिश के साथ-साथ अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों ने राष्ट्रीय राजधानी को त्योहार के बाद गैस चैंबर में बदलने से रोक दिया था। आंकड़ों के मुताबिक, दोपहर तीन बजे प्रदूषक तत्व पीएम2.5 का स्तर 145 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। PM2.5 सूक्ष्म कण है जो सांस की नली में गहराई तक प्रवेश करने और स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देने में सक्षम है।

    पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध की घोषणा

    पिछले चार वर्षों के अनुसार, दिल्ली ने शहर में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की है। दिल्ली के पड़ोसी इलाकों जैसे गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता थोड़ी बेहतर थी और 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। इसके विपरीत, सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता 181 की रीडिंग के साथ 'मध्यम' थी।

    दिल्ली में हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में

    38 निगरानी स्टेशनों से पता चला कि शहर भर में हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में थी। शून्य और 50 के बीच एक AQI को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब', 401 और 450 के बीच 'गंभीर' और 450 से ऊपर माना जाता है। 

    आतिशबाजी रोकने के लिए 377 टीमें तैनात

    दीवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए 377 टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जागरूकता फैलाने के लिए अधिकारी निवासी कल्याण संघों, बाजार संघों और सामाजिक संगठनों के संपर्क में हैं। पटाखे न फोड़े जाएं, इसके लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं।

    नियम के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई

    एक अधिकारी ने कहा, "पटाखे फोड़ते पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन पर सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने के लिए बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है।" वाहनों से निकलनेवाले धुएं, धान-पुआल जलाने, पटाखे और अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के साथ प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियां दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु गुणवत्ता स्तर में योगदान देती हैं।

    दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के विश्लेषण के अनुसार, शहर में 1 से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है। जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है।

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